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चौकीदार की मौत ने एकबार फिर सदर अस्पताल की पोल खोलकर रख दी – नवादा |

रात भर दवा के लिए घूमते रहे परिजन,अंततः हो गयी मौत...

रवीन्द्र नाथ भैया |

जिले में सरकारी अस्पताल में बेहतर इलाज की व्यवस्था नहीं रहने के कारण चौकीदार की जान चली गई। सदर अस्पताल के डॉक्टर ने बाहर से दवा लाने को कहा। पूरे नवादा घूमने के बाद दवा नहीं मिली।अंतत: चौकीदार को जान से हाथ धोना पड़ा।
जिले के उग्रवाद प्रभावित रोह प्रखंड के रूपौ गांव में एक दर्दनाक घटना हुई । रविवार की देर शाम ड्यूटी पर जा रहे 55 वर्षीय चौकीदार बनवारी पासवान को एक तेज रफ्तार अज्ञात वाहन ने टक्कर मार दी। गंभीर रूप से घायल बनवारी को पहले रोह अस्पताल और फिर सदर अस्पताल रेफर किया गया, जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।
मृतक के साले विनय पासवान का आरोप है कि सदर अस्पताल में डॉक्टर द्वारा लिखी गई दवा रात में कहीं भी उपलब्ध नहीं थी, जिसके कारण उनके जीजा की जान चली गई। उन्होंने कहा, “डॉक्टर ने ट्रायपिल दवा लिखी थी, लेकिन पूरे नवादा में मेडिकल दुकान खुली नहीं थी। सरकारी अस्पताल में भी दवा की कमी थी।”
विनय पासवान ने बताया कि नवादा में रात में दवा मिलना बहुत मुश्किल है, क्योंकि रात में अधिकांश मेडिकल स्टोर बंद रहते हैं। इस समस्या के कारण कई बार लोगों की जान चली जाती है।
मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया और मामले की जांच शुरू कर दी है।
दूसरी ओर व्यवहार न्यायालय के पास तेज रफ्तार बालू लदे ट्रैक्टर ने 16 वर्षीय बालिका को रौंद दिया जिससे घटनास्थल पर मौत हो गयी। मृतका की पहचान नगर के मंगरबिगहा मुहल्ले के जाह्नवी के रूप में की गयी है जो पढ़ने कोचिंग जा रही थी। चालक वाहन छोड़ फरार होने में सफल रहा।

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