खाता ना बही जे शिक्षा विभाग में बाबु कहलन उहे सही – नालंदा ।
संतोष भारती ।
बिहारशरीफ :- “खाता ना बही जे शिक्षा विभाग में बाबु कहलन उहे सही “। जी हां जिला शिक्षा कार्यालय में यह जुमला सटीक लग रहा है । बताते चलें कि गुरुवार को प्रधान शिक्षक कि परीक्षा में सफल होने वाले शिक्षकों कि काउंसलिंग जिला शिक्षा कार्यालय के डीआरसीसी भवन में चल रहा था। उसी समय एक ऐसा मामला सामने आया। जब इस परीक्षा में सफल होने वाले नुरसराय प्रखंड अंतर्गत मध्य विद्यालय पारसी के शिक्षक क्रांति कुमार की काउंसलिंग कॉन्टर पर मौजूद कर्मी ने रोक दिया । तो उक्त शिक्षक के पुछने पर मौजूद कर्मी बब्लू कुमार रजक ने बताया गया कि डिपीओ स्थापना के आदेश पर आपका काउंसलिंग रोका गया है। इस संबंध में शिक्षक क्रांति कुमार का कहना है कि सम्पूर्ण जरुरी दस्तावेज के साथ मौजूद थे । फिर भी मनमाने तरीके से डीपीओ स्थापना द्वारा काउंसलिंग पर रोक लगाना दुखद है। मुझे लगता है कि दुर्भावना से ग्रसित होकर डीपीओ सर हमें प्रताड़ित कर रहे है। बिना कोई तर्क संगत कारण बताए । मेरे काउंसलिंग को अपने प्रभाव से काउंटर पर कार्यरत कर्मी और पदाधिकारी ने स्थगित कर मुझे वापस भेज दिया। इस कि लिखित शिकायत जिलाधिकारी तथा जिला शिक्षा पदाधिकारी से किया गया है । वहीं बिहार पंचायत-नगर प्रारंभिक शिक्षक संघ नालंदा के जिला प्रभारी रीतेश कुमार ने कहा कि डिपीओ स्थापना ने अवैधानिक कार्य किया है। यह शिक्षक को अकारण प्रताड़ित करने का मामला है। इसकी शिकायत शिक्षा विभाग के एसीएस तथा मुख्य मंत्री तक की जाएगी। वहीं जिलाध्यक्ष सूर्यकांत सिंह कांत ने कहा कि इस प्रकार की घटना दुर्भाग्यपूर्ण है। बिना स्पष्ट कारण बताए मौखिक रूप से शिक्षक की काउंसलिंग रोकना डिपीओ स्थापना की मंशा पर प्रश्न चिन्ह खड़ा करता है। संगठन इसका माकुल जवाब देगा। संगठन हमेशा शिक्षकों के साथ है तथा रहेगा।