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एड़ी और कंधा में जकड़न व दर्द का प्रमुख कारण टेंडिनोपैथी: डॉ0 उमेश कुमार – बेतिया ।

सतेंद्र पाठक ।

बेतिया। स्थानीय नगर के होटल के एक निजी सभागार में विगत संध्या इंडियन मेडिकल एसोसिएशन पश्चिम चंपारण इकाई के तत्वाधान में “टेंडिनोपैथी एवं इसके आधुनिक इलाज” विषय पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसमें मुख्य वक्ता के रूप में शहर के प्रसिद्ध हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ0 उमेश कुमार ने अपने विचार व्यक्त किये। डॉ0 उमेश कुमार ने कहा कि टेंडिनोपैथी एक प्रकार का मांसपेशी के टेंडन में सूजन एवं इसके क्षय संबंधी बीमारी है जिसमें मरीज के कंधा, केहुनी, कलाई, घुटना, खिल्ली में अलग-अलग कारणों से दर्द होने लगता है। जिसमें मरीज को कंधा में जकड़न एवं दर्द, कंधा को पीठ की तरफ ले जाने में तकलीफ, कंधा को सर के ऊपर ले जाने में तकलीफ होने लगती है। वैसे ही हाथ से कोई भी भारी सामान उठाने पर केहुनी एवं कलाई में दर्द होने लगता है। सुबह बेड से उठने पर एड़ी में (या तो तलवा वाले भाग में या इसके पीछे वाले भाग में) कुछ कदम चलने पर दर्द होने लगता है जो चलने के साथ-साथ दर्द में कमी भी आ जाती है। वैसे ही घुटना के सामने नीचे हड्डी के उभार वाले स्थान पर भी दर्द होने लगता है, जिससे उठने बैठने में तकलीफ होने लगती है। इन सभी का कारण टेंडिनोपैथी है। किसी भी जोड़ का बार-बार उपयोग करने से या कभी-कभी चोट लगने से टेंडिनोपैथी की समस्या होने लगती है। इससे बचने के लिए हमें अपने जीवन शैली में बदलाव लाने की जरूरत है एवं जो भाग में दर्द हो, उसे आराम देने की जरूरत है। हड्डी रोग विशेषज्ञ के सलाह के बिना दवा का सेवन अनुचित है।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद स्थानीय सांसद सह चिकित्सक डॉ0 संजय जायसवाल ने मुख्य वक्ता डॉ0 उमेश कुमार को प्रशस्ति पत्र, अंग वस्त्र एवं मोमेंटो देकर सम्मानित किया। डॉ0 उमेश कुमार के द्वारा दिए गए व्याख्यान की भूरी-भूरी प्रशंसा करते हुए कहा कि इस प्रकार के सेमिनार से सभी चिकित्सकों में आधुनिक ज्ञान की प्राप्ति होते रहती है जो जरूरी भी है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता आई एम ए अध्यक्ष डॉ0 एस एन केओलियर एवं मंच का संचालन आई एम ए सचिव डॉ0 अनिल कुमार ने किया। इस मौके पर जीएमसीएच के पूर्व अस्पताल अधीक्षक डॉ0 प्रमोद तिवारी, डॉ0 अनिल मोटानी, आईएमए के पूर्व अध्यक्ष डॉ0 किरण शंकर झा, डॉ0 दिलीप कुमार, डॉ0 रमेश चंद्र, डॉ0 सुधा चंद्रा, डॉ0 रश्मि नंद केओलियर, डॉ0 उपेंद्र कुमार, डॉ0 मोहनीश सिन्हा, डॉ शिव शंकर शर्मा, डॉ0 चंदन कुमार, डॉ0 रवि राज दुबे, डॉ0 राजीव कुमार समेत जिले के 50 से ज्यादा चिकित्सक मौजूद रहे।

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