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नालंदा सांसद कौशलेंद्र कुमार ने बायलर विधेयक पर लोकसभा में जोरदार बहस की – नई दिल्ली ।

रवि रंजन ।

नई दिल्ली : लोकसभा में बोलते हुए नालंदा के सांसद कौशलेंद्र कुमार ने कहा कि यह विधेयक बायलर अधिनियम 1923 को बरकरार रखते हुए कुछ नियमों में बदलाव का प्रस्ताव रखती है और वह मुख्य रूप से बायलर के डिजाइन को प्रमाणित करने के लिए बाध्यता सुनिश्चित करता है। किसी भी प्रकार के बायलरों के निर्माता को डिजाइन प्रमाणित करने और निरीक्षण करने के लिए जरूरी कदम उठाना होगा। क्योंकि बायलर विस्फोट की जितनी भी घटनायें होती हैं और जानमाल की क्षति होती है। उस सब के पीछे मुख्य रूप से बायलर डिजाइन में कमी पाई जाती है।

इस बिल की मुख्य विशेषता है कि राज्य सरकार के अधिकार को सुरक्षित रखा गया है। प्रमाण-पत्र और निरीक्षकों की नियुक्ति राज्य सरकार ही करेगी। निरीक्षण के लिए तीसरे पक्ष की भी नियुक्ति प्रक्रिया में शामिल किया जा सकता है। साथ ही केन्द्रीय बायलर बोर्ड का गठन करने का प्रस्ताव रखती है।

अध्यक्ष महोदय, पूरे देश में अभी करीब 40 लाख बायलर लगे हुए हैं, जो प्रायः स्टीम बायलर हैं और इसे नियमित करने की आवश्यकता है। क्योंकि बायलर फटने की अधिक घटनाओं के बाद यह अनिवार्य हो गया है।

अध्यक्ष महोदय, नये अधिनियम में सुरक्षित संचालन करने के लिए बायलर घटकों के निर्माण, स्थापना, संचालन, परिवर्तन और मरम्मत के लिए कानून काफी पारदर्शी एवं स्पष्ट और सरल होगा। सभी घटकों की जिम्मेवारी सुनिश्चित होगी। स्पष्ट है कि देश में बायलर फटने की घटनाओं पर विराम लगेगा। जानमाल की क्षति से बचाव होगा।

अध्यक्ष महोदय, अभी एक सप्ताह पहले भिवाड़ी-अलवर में भीषण बायलर फटने की घटना हुई है। काफी जानमाल की क्षति हुई। पंजाब के लुधियाना में भीषण बायलर फटने की घटना अभी 8 मार्च, 2025 को हुई। झारखण्ड के सरायकेला की घटना भी काफी दुखद है। अभी जनवरी, 2025 में बिहार के समस्तीपुर के वैनी में बायलर फटने की भीषण दुर्घटना हुई। कई मजदूरों की जान बायलर फटने के कारण जा रही है। मेरे संसदीय क्षेत्र, नालंदा में राईस मिल्स और अन्य छोटी-छोटी फैक्टरी में काफी बायलर लगा है और आये दिन दुर्घटना हो रही है। जाँच प्रक्रिया में सभी घटनाओं में बायलर में कमी होने की बात आती है। भाप अनियंत्रित होने के मुख्य कारण बताए जाते हैं। डिजाइन और किसी भी फैबरीकेटर्स से बायलर बनवाकर लगा लिया जाता है। फैक्टरी मालिक को सस्ता बायलर चाहिए और उन्हें सुरक्षा से कोई लेना देना नहीं रहता है।

आशा है इस बिल से बायलर अधिनियम काफी सशक्त और पारदर्शी होगा। देश में बायलर फटने की घटनाओं पर विराम लगेगा और जानमाल की क्षति से बचाव होगा। मैं इस बिल का समर्थन करता हूँ।

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