AdministrationState

प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना का क्रियान्वयन पूर्ण पारदर्शी तरीके से कराएं : जिलाधिकारी – बेतिया |

लाभार्थियों का चयन विभागीय दिशा-निर्देशों का अक्षरशः अनुपालन करते हुए बिल्कुल साफ-सुथरे तरीके से कराएं सुनिश्चित।

जिले को मत्स्य उत्पादन, मत्स्य आहार उत्पादन तथा रंगीन मछली उत्पादन में बनाएं आत्मनिर्भर।

जिलाधिकारी की अध्यक्षता में समीक्षात्मक बैठक सम्पन्न।

सतेन्द्र पाठक |

बेतिया। जिला पदाधिकारी, पश्चिम चम्पारण, बेतिया, दिनेश कुमार राय की अध्यक्षता में आज समाहरणालय सभाकक्ष में प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना की बैठक जिला स्तरीय पदाधिकारियों के साथ सम्पन्न हुई।

समीक्षा के क्रम में जिला मत्स्य पदाधिकारी ने बताया कि मत्स्य विभाग के पोर्टल पर प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजनान्तर्गत नया तालाब निर्माण एवं उन्नत इनपुट योजना में विभिन्न वर्गो में 54, रियरिंग तालाब निर्माण में 21, मत्स्य बीज हैचरी अधिष्ठापण में 02, बॉयोफ्लॉक तालाब निर्माण 08, आर्द्रभूमि में अंगुलिका संचयन योजना में 02, लघु अलांकरी संवर्द्व योजना में 01, मध्यम अलंकारी सवंर्द्व योजना में 01, सुक्ष्म बायोफ्लॉक योजना में 10, आईस प्लांट में 03, मोटर साईकिल-सह-आईस बॉक्स 09, थ्री व्हीलर-सह-आईस बॉक्स, साईकिल-सह-आईस बॉक्स, जिन्दा मछली विक्रय केन्द्र 03 एवं लघु फिड मील 08, फिश क्यिॉस्क योजना में 03, रैस योजना में 01 एवं मध्यम बॉयोफ्लॉक में 01 आवेदन प्राप्त हुआ है। जिसमें अनुसूचित जाति वर्ग में 07 आवेदन, अनुसूचित जनजाति में 14 आवेदन, महिला वर्ग में 05 आवेदन तथा अन्य वर्ग में 149 आवेदन अन्य वर्ग में प्राप्त हुए है। कुल प्राप्त 157 आवेदनो मे से इच्छुक एवं विभाग द्वारा निर्धारित आवष्यक अहर्ता पूर्ण करने वाले आवेदनो का चयन किया गया।

जिला पदाधिकारी ने जिला मत्स्य पदाधिकारी को निर्देश दिया गया कि योजना का क्रियान्वयन एवं अनुश्रवण पूर्ण पारदर्शी तरीके से सुनिश्चित करते हुए जिले के सभी प्रखण्डों में योजनाओं का लाभ दिया जाए। किसी के प्रभाव में आकर लाभुकों का चयन कतई नहीं करें। उन्होंने कहा कि क्रियान्वित योजनाओं की जांच उनके द्वारा स्वयं की जायेगी।

उन्होंने निर्देश दिया कि लाभार्थियों का चयन विभागीय दिशा-निर्देशों का अक्षरशः अनुपालन करते हुए बिल्कुल साफ-सुथरे तरीके से कराना सुनिश्चित करें, जिससे प्रधानमंत्री के महत्वकांक्षी योजना से लाभान्वित होकर जिले के आम लोगां को मत्स्य बीज, मत्स्य उत्पादन, मत्स्य विपणन, मत्स्य भंडारण, मत्स्य प्रसंस्करण, रंगीन मछली उत्पादन एवं मत्स्य आहार उत्पादन आदि व्यवसाय द्वारा सतत् गुणवतापूर्ण खाने योग्य मछलियो की उपलब्धता बाजार में सुनिश्चित कराई जा सके। साथ ही रोजगार के नये अवसर भी सृजित हो। किसानों की आय में वृद्वि तथा जिले को मत्स्य बाहुल क्षेत्र बनाया जा सके।

समीक्षा के क्रम में जिला मत्स्य पदाधिकारी ने बताया कि प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत मछुआरे, मत्स्य पालक, मत्स्य विक्रेता, मत्स्य मजदूर, मत्स्य विकास अभिकरण, स्वयं सहायता समूह, संयुक्त दैयता समूह, मत्स्यजीवी सहयोग समिति, मत्स्य फेडरेशन, मत्स्य उद्यमी, कम्पनियां, मत्स्य उत्पादक समूह/संस्थान, अनुसूचित जाति/जनजाति/महिला/दिव्यांग आदि को लाभान्वित किया जा रहा है। इस योजना के तहत अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं सभी वर्गों की महिलाओं हेतु विभिन्न अवयव के लिए निर्धारित इकाई लागत का 60 प्रतिशत एवं अन्य वर्ग हेतु 40 प्रतिशत अनुदान देय है। निर्धारित इकाई लागत का शेष राशि स्वलागत अथवा बैंक ऋण के माध्यम से लाभुकों के द्वारा वहन किया जाना है।

इस अवसर पर अपर समाहर्त्ता, राजीव कुमार सिंह सहित जिला मत्स्य पदाधिकारी, जिला कृषि पदाधिकारी, कार्यपालक अभियंता जल संसाधन विभाग, तिरहुत नहर प्रमण्डल-1-2, पश्चिम चम्पारण, बेतिया, कार्यपालक अभियंता लघु जल संसाधन विभाग, पश्चिम चम्पारण बेतिया, समन्वयक-सह-अध्यक्ष कृषि विज्ञान केन्द्र माधोपुर एवं प्रगतिशील मत्स्य कृषक आदि उपस्थित थे।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button