बाल विवाह मुक्त अभियान को ले दिलायी गई शपथ – नवादा |
रवीन्द्र नाथ भैया |
बाल विवाह मुक्त भारत अभियान को ले डीआरडीए सभागार में उप विकास आयुक्त श्रीमती प्रियंका रानी की अध्यक्षता में शपथ ग्रहण समारोह का आयोजन किया गया।
महिला एवं बाल विकास निगम, बिहार (समाज कल्याण विभाग, बिहार सरकार) के तत्वाधान में जिला हब फॉर इम्पावरमेंट ऑफ वूमेन योजना अन्तर्गत बाल विवाह मुक्त अभियान को लेकर शपथ ग्रहण के साथ अन्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
उप विकास आयुक्त श्रीमती प्रियंका रानी ने बताया कि बाल विवाह को समाज से खत्म करना बहुत जरूरी है। बाल विवाह अपराध है। बाल विवाह के कारण बच्चे पढ़ाई पूरी नहीं कर पाते, उनका स्वास्थ्य खराब हो जाता है, समय से पहले प्रेंगेंसी झेलनी पड़ती है, जिससे माता और शिशु की जान तक चली जाती है। बाल विवाह करने, उसमें भाग लेने या बाल विवाह कराने वाले किसी भी व्यक्ति को 02 साल तक की कैद और एक लाख रुपये का जुर्माना हो सकता है। इसमें माता-पिता, रिश्तेदार, पड़ोसी, पुजारी, बैंड वाला, घोड़ी/रथ वाला, मिठाई वाला, हलवाई, टेंट वाला आदि शामिल है। आइए हम सब मिलकर बाल विवाह मुक्त भारत का निर्माण करें। अब इस कुरीति का समाज में कोई स्थान नहीं है। अब वक्त है कि देश से इस कुप्रथा का खात्मा किया जाए।अपर समाहर्त्ता श्री चन्द्रशेखर आजाद ने बताया कि जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रन (जेआरसी) एलायंस बाल विवाह के इस बुराई को खत्म करने में जुटा हुआ है, जो 250 से अधिक सामाजिक संगठनों का राष्ट्रव्यापी नेटवर्क है। यह एलाएंस बच्चों की सुरक्षा और उनके खिलाफ अपराधों को रोकने के लिए काम करता है। जेआरसी जागरूकता कार्यक्रमों, रिसर्च और ट्रेनिंग के जरिए पूरे भारत में बाल संरक्षण के सरकारी प्रयासों का समर्थन करता है। यह वक्त खड़ा होने और बच्चों की सुरक्षा, उन्हें खुश रखने और उनके जीवन को सशक्त बनाने का अधिकार सुनिश्चित करने का है। हम सब मिलकर बाल विवाह मुक्त भारत का निर्माण कर सकते हैं।
जिला प्रोग्राम पदाधिकारी आईसीडीएस ने बताया कि बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम, 2006 देश भर में लागू है, जिसके तहत् 18 वर्ष से कम आयु की लड़कियों एवं 21 वर्ष से कम आयु के लड़कों की शादी करना/करवाना कानूनन अपराध है और इसका उल्लंघन करने पर दो साल की जेल या एक लाख रूपये का जुर्माना अथवा दोनों सजा का प्रावधान है।सहायक निदेशक, सामाजिक सुरक्षा, श्री अमरनाथ कुमार ने बताया कि भारत सरकार के महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा बाल विवाह मुक्त भारत अभियान का प्रारंभ दिनांक 27.11.2024 से किया जा रहा है, जिसके तहत देश भर में बाल विवाह जैसी कुरीतियों पर जागरूकता के माध्यम से अंकुश लगाने का कार्य किया जायेगा। इसके सफल कार्यान्वयन हेतु सभी विभागों के पदाधिकारियों, कर्मियों, स्कूल, कॉलेज के शिक्षकों एवं छात्र/छात्राओं, अस्पतालों के शिक्षकों एवं चिकित्सा कर्मियों/अधिवक्ताओं एवं पुलिस कर्मियों सभी को बाल विवाह मुक्त भारत संबंधी शपथ दिलायी गई। प्रभारी सहायक निदेशक, जिला बाल संरक्षण इकाई डॉ0 राजकुमार सिंहा द्वारा बताया गया कि बाल विवाह मुक्त अभियान को ले जिला, अनुमंडल एवं प्रखंड स्तर पर सभी कार्यालयों में शपथ दिलायी गई एवं अधिकारीगण, कार्मिको एवं स्थानीय महिलाओं के साथ मिलकर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया।
उन्होंने बताया कि 18 साल के पहले लड़की और 21 साल से पहले लड़के की शादी करना गैरकानूनी है। बाल विवाह अधिनियम 2006 के अनुसार जो बच्चों की उम्र से पहले विवाह के लिए मजबूर करते हैं, वे सजा के पात्र है।
’’ छोटी उम्र में ब्याह नहीं पढ़ाई, जिसने समझा उसने कामयाबी पाई’’ शपथ पत्र
बाल विवाह एक सामाजिक बुराई और कानून का उल्लंघन है, जो बालिकाओं की शिक्षा, सुरक्षा, स्वास्थ्य और विकास में बाधा है, तथा उनके सपनों को साकार होने से रोकता है। इसलिए, मैं शपथ लेता/लेती हूँ कि …
1. मैं बाल विवाह के खिलाफ हर संभव प्रयास करूँगा/करूँगी।
2. मैं सुनिश्चित करूँगा/करूँगी कि मेरे परिवार, पड़ोस और समुदाय में किसी बालिका का बाल विवाह न हो।
3. मैं बाल विवाह के किसी भी प्रयास की सूचना पंचायत और सरकार को दूँगा/दूँगी।
4. मैं सभी बच्चों की शिक्षा और सुरक्षा के लिए भी अपनी आवाज बुलंद करूँगा/करूँगी और बाल विवाह मुक्त भारत का निर्माण करूँगा/करूँगी।
मौके पर उप विकास आयुक्त श्रीमती प्रियंका रानी, अपर समाहर्ता श्री चंद्रशेखर आजाद, अनुमंडल पदाधिकारी सदर अखिलेश कुमार, डीपीओ आईसीडीएस श्रीमती निरुपमा शंकर, डीपीएम अनुग्रह प्रसाद तिग्गा, मिशन शक्ति कोऑर्डिनेटर हिना तबस्सुम, जिला समन्वयक एक्शन एड इब्राना नाज, नेहा ग्रामीण की सचिव, तटवासी समाज की कौंसिलर कल्याणी, वर्ल्ड बीइंग इंडिया फाउंडेशन की प्रोग्राम ऑफिसर सुमन कुमारी तथा अन्य एनजीओ के प्रतिनिधि मौजूद रहे।