रवीन्द्र नाथ भैया |
जिले के उग्रवाद प्रभावित रजौली थाना क्षेत्र के हरदिया पंचायत के भानेखाप स्थित अभ्रक खदान में अभ्रक का अवैध उत्खनन थमने का नाम नहीं ले रहा है। आए दिन अभ्रक खदान में घटनाएं घट रही है। बावजूद अभ्रक का अवैध खनन लगातार जारी है। अभी हाल में ही 23 अक्टूबर को भानेखाप अभ्रक खदान में चाल धंसने से एक नाबालिग की दबकर मौत हो गई थी।
मृतक युवती की पहचान रजौली थाना क्षेत्र के हरदिया पंचायत की सूअरलेटी गांव निवासी दिलीप भुइयां उर्फ लिटारी भुइयां की लगभग 18 वर्षीय बेटी सीमा कुमारी के रूप में हुई थी।
अभ्रक खदान में नाबालिग की मौत के बाद अभ्रक माफियाओं के द्वारा नाबालिग के परिजनों को क्षतिपूर्ति की रकम देकर उनके मुंह को बंद कर दिया गया था।
घटना के बाद मामले की जांच करने के लिए पुलिस पहुंची थी लेकिन परिजनों द्वारा अभ्रक माफियाओं का नाम नहीं बताने के कारण पुलिस द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की जा सकी।
अभ्रक खदान में दिन के उजाले में होती ब्लास्टिंग
अभ्रक चुनने का काम जानकार मजदूरों से कराया जाता है।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, अभ्रक माफियाओं के द्वारा अभ्रक निकालने को लेकर दिन के उजाले में डायनामाइट से ब्लास्टिंग की जाती है। ब्लास्टिंग के बाद स्थानीय मजदूरों के द्वारा अभ्रक चुनने का काम किया जाता है।
हाल में ही वन विभाग के द्वारा अभ्रक खदान में छापेमारी कर पोकलेन मशीन, हाईवा, डायनामाइट समेत अन्य विस्फोटक सामग्रियों को जब्त कर लाया गया था। इसके बाद अभ्रक खदान पर कुछ दिनों के लिए अभ्रक का खनन पर अंकुश लग गई थी। लेकिन वन विभाग द्वारा कार्रवाई करने के बाद शिथिल पड़ जाने के कारण अभ्रक माफियाओं ने एक बार फिर से अभ्रक खदान में खनन करना शुरू कर दिया है।
पूर्व में अभ्रक खनन के बाद भानेखाप अभ्रक माइंस से सैकड़ों छोटी-बड़ी गाड़ियों से अभ्रक लोड कर ले जाया जाता था।
वन विभाग द्वारा कई बार छापेमारी किए जाने के बाद अभ्रक ले जाने वाली का गाड़ियों में कमी आई है। अब छोटी गाड़ियों की जगह अभ्रक ढोने के लिए ट्रकों का इस्तेमाल किया जा रहा है।
अभ्रक खनन के बाद भानेखाप माइंस पर खनन कराने वाले माफिया यहां के अभ्रक को झारखंड के कोडरमा और झुमरीतिलैया में क्वालिटी के हिसाब से ऊंचे दामों पर बेचा जाता है।
अगर अभी वन विभाग छापेमारी करती है तो अभ्रक खनन के बाद सूअरलेटी, मरमो व कुंभियातरी गांव के घरों में अभ्रक का स्टॉक मिलेगा। जिन्हें बेचने के लिए लोग उचित समय का इंतजार कर रहे हैं। अभ्रक खदान से की जाने वाली अवैध कमाई से दर्जनों अभ्रक माफियाओं ने झारखंड में विभिन्न जगहों पर अपना आलीशान भवन बना रखा है। कई ऐसे माफिया है जिन्होंने अभ्रक की काली कमाई से झारखंड में जमीन खरीदा है।
कहते हैं अधिकारी:-
वनों के क्षेत्र पदाधिकारी मनोज कुमार ने कहा कि अभ्रक खनन की सूचना के आलोक में वन विभाग अभ्रक खनन को रोकने के लिए अभ्रक माफियाओं के खिलाफ कमर कस ली है। जल्द ही अभ्रक खदान में छापेमारी कर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।