Life StyleState

पिंकी के अंधेरे जीवन को जीविका ने किया रोशन, अब खुशहाल जिंदगी जी रही – नवादा |

पति की मौत के बाद घर में खाने-पीने तक की दिक्कत आ गई थी,अब अपना स्वयं का मनिहारी व जेनरल दुकान चला रही हैं

रवीन्द्र नाथ भैया |

पति की असामयिक मौत के बाद गरीबी के बोझ तले दबी पिंकी देवी को एक समय में कुछ भी नहीं सूझ रहा था। क्या करे, किससे मदद ले। घर में खाने-पीने तक की दिक्कत आ गई थी। खुद और दो छोटे बच्चों के भरण-पोषण की जिम्मेवारी आ गई थी। ऐसे में जीविका की सतत जीविकोपार्जन योजना ने बड़ी राहत दी।
आज रोह प्रखंड मुख्यालय बाजार सिउर रोड में पिंकी अपना स्वयं का मनिहारी व जेनरल दुकान चला रही हैं।
हर रोज तकरीबन 300- 400 रुपये की आमदनी हो जाती है। इनकी 11 साल की बिटिया राजनंदनी और नौ साल का बेटा अंकित दोनों पढ़ाई कर रहे हैं। इन्होंने आमदनी कर दो कमरे की छत भी ढलाई की है। पिंकी बताती हैं कि सड़क हादसे में पति के निधन के बाद वह पूरी तरह से टूट गई थीं। गरीब जानकर दूध वाले ने एक पाव दूध तक देने से मना कर दिया था।
तब उनके पास एक छोटी सिलाई मशीन थी। बाद में उन्होंने चरखा चलाकर सूत काटना सीखा। इसके बाद वह साल 2015 में जीविका समूह से जुड़ी। समूह की महिलाओं के साथ बचत करना सीखीं।
इसके बाद इन्हें सतत जीविकोपार्जन से उन्हें प्रारंभ में 20 हजार की मदद मिली। इससे उन्होंने अपने घर के आगे के हिस्से में एक दुकान खोली।
जीविका ने शुरू के महीने में भोजन के लिए इन्हें सात माह तक एक-एक हजार रुपये की मदद की।
दुकान का काउंटर बनाने के लिए जीविका ने 10 हजार और उपलब्ध कराए। फिर पूंजी की जरूरत पड़ी तो और 18 हजार रुपये और दिए। पिंकी नित्य अपने दुकान को समृद्ध करने में जुटी हैं।
वह कहती हैं जीविका ने उनके जीवन को एक तरह से संवारा है। वह अपने बिजनेस को और बड़ा कर अपने बच्चों को बेहतर से बेहतर शिक्षा देना चाहती हैं।
गरीबी दूर करने के लिए 3380 ग्रामीण परिवारों को भेजी गई है राशि:-
जिले में अब तक 3400 ग्रामीण परिवारों को जीविका के सतत जीविकोपार्जन योजना का लाभ दिया गया है। योजना के नोडल अफसर मंजित कुमार ने बताया कि अब तक 3380 लाभुक को योजना की राशि भेजी गई है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हाल ही में अब दो लाख तक की मदद की घोषणा की है।
मंजित बताते हैं कि जीविकोपार्जन विशेष निवेश निधि के तहत चयनित लाभुक को 10 हजार की मदद दी जाती है। वहीं अंतराल निधि के तहत हरेक माह के हिसाब से एक-एक हजार की मदद दी जाती है। निवेश निधि दुकान खोलने के लिए 20 हजार की मदद दी जाती है। जबकि बकरी पालन और कृषि कार्य के लिए भी 20-20 हजार की मदद दी जाती है। बताते हैं गरीबी उन्मूलन की इस याेजना में लाभुक के शुरूआती कार्यों की निगरानी की जाती है। बेहतर करने पर उन्हें अतिरिक्त योजना राशि भी नियमानुसार उपलब्ध कराई जाती है। गरीब महिला सदस्य को आर्थिक रूप से सहयोग कर उनकी गरीबी दूर की जाती है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button