रवीन्द्र नाथ भैया |
लिखा परदेश किस्मत में वतन को याद क्या करना, जहां बेदर्द मालिक हो वहां फरियाद क्या करना…। उक्त पंक्ति शनिवार की देर शाम निजी कार्यक्रम में वारिसलीगंज पहुंचे राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने कही।
पत्रकारों द्वारा घनी आबादी के बीच अडानी समूह की सीमेंट फैक्ट्री की स्थापना से संबंधित प्रश्न करने पर उन्होंने कहा कि जहां बेदर्द मालिक हो, वहां फरियाद क्या करना।
हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के राष्ट्रीय संरक्षक सह सूबे के पूर्व सीएम ने बिहार सरकार की कुनीतियों पर कटाक्ष करते हुए कहा कि जिले के वारिसलीगंज समेत गया के गुरारू का चीनी मिल तथा गया के कॉटन मिल को सरकार कूड़े की कीमत में बेचकर उक्त स्थान पर ऐसी फैक्ट्री लगवा रही है, जिससे लोग कुछ ही दिनों में विभिन्न प्रकार के रोगों से बीमार हो जाएंगे।
सरकार की मंशा साफ नहीं:- जीतन राम मांझी
ने कहा कि सरकार की मंशा साफ नहीं है। वारिसलीगंज में चीनी मिल के रहते किसानों के साथ साथ मजदूरों एवं स्थानीय बाजार के व्यापारियों को भी लाभ होता था। इसकी जगह पर अगर सरकार चाहती तो पुनः कृषि उत्पाद जनित फैक्ट्री लगवाती, जिससे क्षेत्र के किसान मजदूरों में आर्थिक संपन्नता आती।
उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि इन दिनों बिहार के मुख्यमंत्री की मानसिक हालत ठीक नहीं है, इलाज की जरूरत है, क्योंकि पीएम बनने के ख्वाब ने उन्हें मानसिक रूप से बीमार बना दिया है, जो उनके बयान में साफ झलकता है।
पूर्व सीएम वारिसलीगंज नगर परिषद के वार्ड संख्या- 12 स्थित विक्रम कुमार के घर पर करीब एक घंटे तक रुके।
मौके पर हम के जिला उपाध्यक्ष सनोज साव, पूर्व मंत्री के निजी सहायक विक्रमादित्य कुमार, हम के जिला सचिव दीन दयाल भगत, प्रखण्ड अध्यक्ष रामवृक्ष मांझी, पूर्व प्रखण्ड प्रमुख रामाशीष मांझी समेत अन्य कार्यकर्ता उपस्थित थे।
जाम में आधा घंटे तक रेंगता रहा पूर्व सीएम का काफिला:-
अपने निजी कार्यक्रम में शामिल होने शनिवार को वारिसलीगंज पहुंचे पूर्व सीएम जीतनराम मांझी समेत उनके काफिले को वारिसलीगंज बाजार में भीषण जाम से जूझना पड़ा।
वजह हर दुकानदार अपनी दुकानों को बढ़ाकर सम्पूर्ण फुटपाथों पर कब्जा जमा रखा है। थोड़ी सी बची सड़क पर सब्जियों एवं फल आदि का ठेला लगा होता है। जो वाहन तो दूर पैदल यात्रियों को बाजार करने में परेशानी उत्पन्न करता है।