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मरीजों से भर गया सदर अस्पताल का बेड – नवादा |

अस्पताल प्रबंधन ने किया आठ अतिरिक्त बेडों की व्यवस्था

रवीन्द्र नाथ भैया |

नवादा : मौसम में लगातार हो रहे उतार-चढ़ाव से सर्दी-जुकाम, उल्टी,दस्त व बुखार सहित फोड़े-फुंसी के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। बारिश के साथ उमस भरी गर्मी का प्रकोप ने सेहत को प्रभावित कर दिया है, जिससे कई तरह के रोग पनप रहे हैं।
मौसमी बीमारियों के कीटाणुओं का प्रकोप इस कदर बढ़ गया है कि साधारण सर्दी-जुकाम के साथ-साथ फोड़े-फुंसी भी निकल रहे हैं। जिले में इस बार पहले उमस भरी गर्मी, फिर बारिश का असर होने से लोगों के शरीर पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है। बारिश थमने के बाद मौसम में उमस भरी गर्मी का प्रभाव अधिक हो जा रही है।
जुलाई के अंत व अगस्त माह के आऱभ से ही बादलों भरा मौसम व बारिश के बाद दिन में धूप से उमस भरा मौसम बन जा रहा है। इस कारण जिले में मौसमी बीमारियों का प्रकोप बढ़ गया है। सदर अस्पताल की बात करें तो यहां का सभी वार्डो का वेड मरीजों से भर गया हैं। मरीजों को भर्ती करने की जगह तक नहीं है। मरीजों के लिए वेड उपलब्ध नहीं होने के बाद उनके परिलनों द्वारा शोर-शराबा करने के पश्चात बाहर से वेड की व्यवस्था की गई।
मरीजों की बढती संख्या को देखकर सदर अस्पताल में 8 अतिरिक्त वेड की व्यवस्था अस्पताल प्रबंधन द्वारा की गई है। सदर अस्पताल के अलावा प्राइवेट स्वास्थ्य नर्सिंग होम में सबसे अधिक मरीजों की संख्या देखी जा रही है। इस तीन तरफा मौसम में बड़ों से ज्यादा बच्चों पर असर पड़ रहा है। ऐसी हालातों में बीमारियों के प्रकोप का कारण बदलता मौसम बताया जा रहा है, जिसमें चिकित्सक मौसम के अनुकूल सावधानी बरतने की सलाह दे रहे हैं।
इन बीमारियों से ग्रसित हो रहे लोग:-
सदर अस्पताल के चिकित्सकों ने बताया कि इन दिनों जिस स्तर का मौसम है, उसमें सबसे ज्यादा सावधान रहने की जरूरत है। ऐसे मौसम में एलर्जी वाली स्कीन बीमारी होती है. सर्दी-जुकाम, फोड़े-फसी, हाथ-पैर में दर्द, उल्टी-दस्त, सिर दर्द, आंखों से संबंधित रोग, घबराहट, एलर्जी, सूजन तथा खांसी सहित अन्य बीमारियों का प्रकोप बढ़ा हुआ है।
बताया जाता है कि इस मौसम में हर साल कीट-पतंगों का बड़ी संख्या में प्रकोप होता है, इससे हर हाल में बचना चाहिए साथ ही बीमारी ज्यादा गम्भीर होने पर तुरंत स्थानीय चिकित्सक से सलाह जरूर लें।
कहते हैं चिकित्सक:-
बारिश और इसके बाद उमस भरी गर्मी के बाद रात में अधिक गर्मी बढ़ जाना सेहत के लिए खतरनाक है। इस तरह का मौसम बीमारियों के कीटाणुओं के लिए अनुकूल मौसम होता है। इस कारण मौसमी बीमारियों का प्रकोप बढ़ जाता है। सर्दी-जुकाम और बुखार का प्रकोप अधिक होता है। वहीं इस मौसम में फोड़े-फुंसी का प्रकोप भी बढ़ जाता है। ऐसे में लोगों को कुछ सावधानी बरतकर बीमारियों से बच सकते हैं। इसके बाद भी वे बीमारियों के प्रभाव में आते हैं तो चिकित्सकों से परामर्श लें। बिना चिकित्सकीय सलाह के दवाइयों का सेवन नहीं करें।
बच्चों के प्रति अधिक सावधानी बरतना चाहिए, बच्चे सहित हर लोगों को खान-पान पर विशेष ध्यान देने से मौसमी बीमारियों से काफी हद तक बचा जा सकता है। कपड़े पूरे शरीर को ढंकने वाला पहनना चाहिए तथा रात में सोते समय मच्छरदानी का उपयोग आवश्य करें।
“डॉ अशोक कुमार, जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी, सदर अस्पताल नवादा”

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