
रवीन्द्र नाथ भैया |
जिले के पकरीबरावां थाना क्षेत्र कबला पंचायत की सिन्दुआरा गांव में घटित घटना में शामिल एक महिला पुलिस पदाधिकारी का आडियो तेजी से वायरल हो रहा है। हांलांकि मैं वायरल आडियो की पुष्टि नहीं करता। लेकिन आडियो में अपनी सफाई में महिला पुलिस की जो बातें सुनायी पड़ रही है उससे यह स्पष्ट है कि वहां भारी संख्या में पुलिस पदाधिकारी व जवानों की मौजूदगी थी।
घटना को महिला पुलिस अधिकारी तथ्य से परे बता रही हैं लेकिन आरोपी घर में प्रवेश किया या नहीं इसपर कोई बयान नहीं दे रही है। वैसे पुलिस के साथ दुर्व्यवहार की बातें सुनायी पड़ रही है।
अब सबसे बड़ा सवाल जब कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं थी तब पीड़िता के घर प्रवेश ही क्यों किया? फिर जब पुलिस के साथ पीड़िता ने दुर्व्यवहार किया तो प्राथमिकी दर्ज क्यों नहीं की? थाने में पीड़िताओं को क्यों लाया गया? लाया गया तो फिर छोड़ा क्यों? जाहिर सारा खेल पैसे के लिए हुआ। थाने में तैनात किसी पुलिस पदाधिकारी को सोशल मीडिया पर अपना बयान जारी करने का अधिकार है क्या? अपनी ओर से बयान देकर खुद अपने ही बुने जाल में फंस जाय तो कोई आश्चर्य नहीं।
बहरहाल पीड़िताओं ने एसपी को आवेदन देकर मामले की जांच के साथ न्याय की गुहार लगायी है। जांच कराना न कराना एसपी की जिम्मेदारी है। ऐसे में महिला पुलिस अधिकारी द्वारा दिया जा रहा बयान का कोई औचित्य नहीं रह जाता।