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व्यवहार न्यायालय के उद्घाटन के 24 वर्षों बाद भी अधिवक्ताओं के लिए झोपड़ी बना है आश्रय – नवादा |

रवीन्द्र नाथ भैया |

सिविल कोर्ट उद्घाटन हुए 24 साल का लम्बा समय व्यतीत होने के बावजूद अधिवक्ताओं को कोर्ट परिसर में बैठने की जगह तक नसीब नहीं हो पा रही है। अधिवक्तागण आज भी प्लास्टिक के तंबू लगा कर जाड़ा , गर्मी व बरसात में कार्य करने को मजबूर हैं। ऐसी भी बात नहीं है कि जगह के लिए अधिवक्ताओं गुहार नहीं लगायी। कई बार आंदोलन भी किया, वादे तो मिले गए लेकिन बैठने का जगह नहीं मिला। जाड़ा गर्मी बरसात में अधिवक्ताओं को प्लास्टिक की झुगी झोपड़ी में काम करने से बीमार हो कर असमय दिवंगत हो गए। फिर भी सरकार द्वारा व्यवस्था नहीं किया गया।
वरीय अधिवक्ता गौरी शंकर प्रसाद सिंह, पूर्व महासचिव संत शरण शर्मा, पूर्व महासचिव अजीत कुमार सिंह, संजय प्रियदर्शी , विपिन कुमार सिंह, अखलेश नारायण, रामश्रय सिंह, कुमार चंदन, करण सक्सेना, अमित कुमार सहित सैकड़ों अधिवक्ताओं ने बिहार सरकार से अविलंब अधिवक्ता भवन निर्माण के लिए जगह उपलब्ध कराने की मांग की है।

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