छठ महापर्व को लेकर पूजन सामग्री की जमकर हो रही खरीदारी – नवादा (
रवीन्द्र नाथ भैया |
लोक आस्था का चार दिवसीय छठ महापर्व नहाय-खाय के साथ शुरू हो गया। जिले में छठ पर्व को लेकर दुकानें सजी हैं। लोग पूजन सामग्री की खरीदारी में जुटे हैं। जिला मुख्यालय से लेकर प्रखंड मुख्यालय तक खरीदारी को लेकर भीड़ देखी जा रही है। धोवा चूना, फटका हुआ गेहूं के अलावा गाय का शुद्ध घी तक ब्रांडेड कंपनियां बेच रही है। बाजार में छठ व्रती व उनके परिजन दउरा, सूपली, ढाका, मिट्टी के दीये सहित अन्य पूजन सामग्री की खरीदारी कर रहे हैं।
शहर के प्रजातंत्र चौक से लेकर कलेक्ट्रेट होते हुए आसपास के सभी चौक-चौराहों व फुटपाथों तक छठ पूजन सामग्री की दुकानें खुली है।
फल मंडियों में जुट रही भीड़:- छठ को लेकर फल मंडी में ग्राहकों की भीड़ जुटी है। कारोबारी सभी तरह के फल मंगवा कर स्टॉक कर रख हैं। सेब, संतरा, केला, अनार, अन्नानास, माहताब, गाजर, शकरकंद समेत तमाम फलों का स्टॉक किया गया है। इसके अलावा स्थानीय स्तर पर ईंख और सूथनी, कच्ची हल्दी, मूली आदि भी बाजारों तक पहुंची हैं।
शहर में छठ पूजा के अवसर पर अधिकांश दुकानदार शुद्धता की गारंटी के साथ सभी पूजन सामग्री उपलब्ध कराने का दावा कर रहे हैं। दुकानदारों का कहना है कि छठी मैया में उनकी काफी आस्था है। दुकानदारों की ओर से शुद्धता और लागत मूल्य पर पूजन सामग्री उपलब्ध कराने का प्रयास किया जा रहा है।
जिले में छठ महापर्व पर ऑनलाइन कंपनियां भी पूजन सामग्री बेच रही हैं। ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर सूप, दउरा, घी, कपड़ा, गुड़, चना, चावल, गेहूं आदि उपलब्ध हैं। इसके अलावा, ऑनलाइन कंपनियां खरीदारी पर भारी ऑफर की घोषणा कर रखी है। आम की लकड़ी की बिक्री तेज:- छठ महापर्व को लेकर आम की लकड़ी की बिक्री तेज हो गयी है। लकड़ी दुकानदारों ने मील से थोक के भाव में आम की लकड़ी खरीदी है। आम की लकड़ी पर भी महंगाई की मार देखी जा रही है। पिछले साल के हिसाब से इस बार लकड़ी पांच रुपये प्रति किलो महंगी मिल रही है। पिछले साल 15 रुपये प्रति किलो था, जो इस साल 20 रुपये प्रति किलो मिल रही है। थोक की कीमत 600 रुपये क्विंटल है, जो पिछले साल 500 रुपये क्विंटल था। लकड़ी दुकानदारों का कहना है कि आम की लकड़ी मिलना मुश्किल होता जा रहा है। वाहन आदि का किराया महंगा पड़ रहा है। इसके कारण कीमतें बढ़ गयी हैं।
सनातन में आम की लकड़ी को शुद्ध माना गया है। इसलिए हर पूजा हवन में इसका उपयोग किया जाता है। छठ महापर्व में आम की लकड़ी का विशेष महत्व है। इसमें पहले दिन खीर बनायी जाती है और दूसरे दिन कसार, ठेकुआ वगैरह बनाए जाते हैं। लोग प्रसाद बनाने में शुद्धता का ख्याल रखते हुए आम की लकड़ी खरीदते हैं। कपड़े, सूप, दउरा, अनाज, बर्तन, चूल्हा सहित विभिन्न पूजन सामग्रियों की दुकानों में लोग खरीदारी करने के लिए उमड़ रहे हैं। कांसे के बर्तन सहित अन्य पूजन सामग्री की जमकर खरीदारी हुई।
शहर के प्रजातंत्र चौक, गोला रोड हाट पर आदि क्षेत्रों में सूप, दउरा की अस्थायी दुकानें सजी हैं। सूप विक्रेता अजीत कुमार बताते हैं कि लोकल सूप समेत अन्य प्रदेशों से भी सूप व पूजन सामग्री मंगाये जाते हैं। विक्रेता बताते हैं कि सूप, दउरा, टोकरी आदि सामग्री कच्चे बांस से तैयार होते हैं, जो उत्तरी बिहार से आते हैं। दउरा 60 रुपये से लेकर 150 तक और टोकरी खचियां 100 रुपये से 400 सौ रुपये तक कि बिक्री की जा रही है।