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फर्जीवाड़ा का खेल कोई कापरेटिव से सिखे – नवादा |

05 वर्षों में वकसंडा पैक्स में धान अधिप्राप्ति में किसानों के नाम पर जमकर हुआ फर्जीवाड़ा
-अध्यक्ष नहीं दलालों के द्वारा होता है धान अधिप्राप्ति
-हर बर्ष एक ही किसान के नाम पर होता रहा फर्जीवाड़ा का खेल

रवीन्द्र नाथ भैया |

जिले में फर्जीवाड़ा का खेल कापरेटिव द्वारा सिखाया जाता है। तभी तो धान बेचने वाले सही किसानों को समय पर राशि का भुगतान नहीं किया जाता। फर्जीवाड़े के खल में लगभग सभी अध्यक्षों को महारत हासिल है।
ऐसा ही एक मामला जिले के अकबरपुर प्रखण्ड क्षेत्र के बकसंडा पैक्स से सामने आया है। अब सबसे बड़ा सवाल
आखिर जिला प्रशासन वकसंडा पैक्स पर इतना मेहरबान क्यों है? कार्रवाई करने के बजाय उक्त पैक्स में अध्यक्ष को धान अधिप्राप्ति के नाम पर दलालों के सहारे किसानों के नाम पर फर्जीवाड़ा करने की छूट दे रखी है।
यह स्थिति तब है जब जिले में10 फरवरी को मुख्यमंत्री का प्रगति यात्रा प्रस्तावित दौरा होने वालाहै।
पिछले पांच वर्षों का सरकारी आंकड़ा देखा जाय तो उक्त पैक्स में एक ही किसान के नाम पर जिसका खाता और प्लौट गलत दर्शाया हुआ है जमकर फर्जीवाड़ा हुआ है।
कब कितने बर्ष कितने हुए धान की अधिप्राप्ति:-
सरकारी आंकड़े के अनुसार बकसंडा पैक्स में बर्ष 2020-21 में 122 किसानों से 11687 क्विंटल धान अधिप्राप्ति की गई जिसमें बेवी देवी पति अनूप प्रसाद जिसका खाता और प्लौट नंबर गलत है उक्त किसान से 100 क्विंटल की धान अधिप्राप्ति की गई। उक्त किसान से बर्ष 2021-22 में 93 क्विंटल,2022-23 में 38 क्विंटल,2023-24 में 90 क्विंटल धान की अधिप्राप्ति की गई । ऐसे में एक किसान जिसका कुछ भी नहीं है जो कि एक गैर रैयत किसान है उसके नाम पर इस प्रकार का फर्जीवाड़ा विगत कई वर्षों से हो रहा है ।
अगर वकसंडा पैक्स का पिछले वर्षों के धान अधिप्राप्ति की जांच की जाय तो ऐसे कई मामले सामने आ सकते हैं जो सरकारी आंकड़े से बिल्कुल अलग है। वैसे वता दें कि उक्त पैक्स में अध्यक्ष एक महिला है और धान अधिप्राप्ति समेत अन्य कार्य वह स्वयं से न कर बलिया बुजुर्ग के एक दलाल के द्वारा करवाती है। ऐसे में सरकार की महत्वाकांक्षी योजना पर ग्रहण लग गया है। उक्त पैक्स में कई वर्षों से फर्जीवाड़ा का खेल होता आ रहा है।
ककहते हैं बकसंडा के किसान:-
धान देने के लिए बलिया बुजुर्ग के दलाल से मिलना होगा तब आपका धान पैक्स में लिया जायेगा। ऐसे पैक्स में धान के लिए बहुत सारी प्रक्रिया है।
लाले यादव, किसान, बकसंडा
-पैक्स में छोटे किसानों का धान अधिप्राप्ति नहीं की जाती है। आप लोग बाजार में धान को बेच दिजिए।
मुंशी यादव, किसान, बकसंडा
-पैक्स में धान देने के बाद एक महीने में राशि का भुगतान किया जायेगा। इसलिए पैक्स में धान देने की प्रक्रिया काफी जटिल है।
अरुण यादव, किसान, बकसंडा
किसानों ने पिछले पांच वर्षों में धान अधिप्राप्ति की जांच करवाने की मांग डीएम से की है।

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