प्राकृतिक आपदा से पशुओं की मौत पर पशुपालकों को मिलेगा मुआवजा – नवादा ।

रवीन्द्र नाथ भैया ।
जिले के पशुपालकों के लिए अच्छी खबर है।
अब प्राकृतिक आपदाओं बाढ़, सुखाड़, आकाशीय बिजली गिरने व अगलगी के दौरान मरने वाले पशुओं का सरकार मुआवजा देगी। यह मुआवजा संबंधित पशुपालकों को नियमानुसार प्रदान किया जाएगा। पशुपालन विभाग ने अलग-अलग पशुओं के लिए अलग-अलग सहायता राशि का निर्धारण किया है। पशुपालकों का पशुधन नुकसान कम करने के उद्देश्य से पशुपालन विभाग ने सहायता अनुदान योजना की शुरुआत की है।
इस योजना के तहत दुधारू पशु, भारवाही पशु, मुर्गी फॉर्म आदि के नुकसान होने पर सहायता राशि उपलब्ध कराई जाएगी। इसके अलावा आपदा के दौरान पशु शेड क्षतिग्रस्त होने की स्थिति में भी संबंधित पशुपालक को निर्धारित सहायता राशि दी जाएगी।
उल्लेखनीय है कि आपदा से अलग किसी अन्य कारण से पशुओं की मृत्यु होती है तो लाभ नहीं मिलेगा। अलग-अलग पशुओं के लिए अलग-अलग मुआवजा तय:- सहायता अनुदान योजना के तहत अलग-अलग पशुओं के लिए अलग-अलग मुआवजे की राशि निर्धारित की गई है। जिला पशुपालन पदाधिकारी डॉ.दीपक कुमार कुशवाहा ने बताया कि प्राकृतिक आपदा में मृत होने वाले गाय, भैंस, ऊंट, सांढ़ आदि पशुओं के लिए 37500 रुपए, बकरी व भेड़ के लिए 4,000 रुपए, बैल व घोड़ा आदि के लिए 32000 रुपए के अलावा बछड़ा, खच्चर, गदहा व टट्टू के लिए 20000 रुपए जबकि पोल्ट्री फॉर्म में प्रति 100 मुर्गियों के लिए 10000 रुपए का मुआवजा प्रदान किया जाएगा।
इतना ही नहीं, क्षतिग्रस्त पशु शेड के लिए 3000 रुपए की सहायता राशि प्रदान की जाएगी। उल्लेखनीय है कि प्राकृतिक आपदा के दौरान पशुओं की मौत से कई पशुपालकों के समक्ष भुखमरी जैसी स्थिति उत्पन्न हो जाती थी। योजना से मिलने वाली सहायता राशि से उन्हें फिर से पशुधन खरीदने में मदद मिलेगी तथा आर्थिक रूप से दोबारा संभलने का मौका मिल जाएगा। अंचल कार्यालय में करना होगा आवेदन:- जिला पशुपालन पदाधिकारी ने बताया कि प्राकृतिक आपदा बाढ़, सुखाड़, आकाशीय बिजली गिरने व अगलगी के दौरान मृत पशुओं के पशुपालकों को सहायता राशि प्राप्त करने के लिए स्थानीय अंचल कार्यालय में आवेदन करना होगा। आवेदन प्राप्त होने के बाद स्थानीय जनप्रतिनिधियों के सत्यापन के बाद अंचलाधिकारी मृत पशुओं के पोस्टमार्टम के लिए पशुपालन विभाग को रिपोर्ट भेजेंगे। इसके बाद विभाग के पशु चिकित्सक मौके पर पहुंचकर पोस्टमार्टम करेंगे और रिपोर्ट सीओ के माध्यम से जिला आपदा विभाग को भेजी जाएगी। वहां से संबंधित पशुपालक को निर्धारित सहायता राशि उपलब्ध कराई जाएगी।
वास्तविक क्षति के अनुसार ही मिलेगी सहायता राशि:- आपदा के दौरान वास्तविक क्षति के आधार पर ही सहायता राशि प्रदान की जाएगी। यदि पशुओं की मृत्यु किसी अन्य कारण से होती है या किसी अन्य सरकारी योजना से सहायता प्राप्त होती है, तो इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा।
जिला पशुपालन पदाधिकारी ने यह भी स्पष्ट किया कि आपदा के दौरान यदि पशु शेड क्षतिग्रस्त होता है तो भी वास्तविक क्षति का आकलन कर ही सहायता राशि निर्धारित की जाएगी। पूरी योजना के संचालन में पारदर्शिता बरती जाएगी।
कहते हैं अधिकारी:-अब प्राकृतिक आपदा में मरने वाले पशुओं का मुआवजा संबंधित पशुपालक को दिया जाएगा। सहायता अनुदान योजना के तहत अलग-अलग पशुओं के लिए अलग-अलग मुआवजे की राशि तय की गई है। पीड़ित पशुपालकों से आवेदन मिलने के बाद सहायता राशि उपलब्ध कराई जाएगी।
-डॉ.दीपक कुमार कुशवाहा, जिला पशुपालन पदाधिकारी, नवादा। 20 वें पशुगणना के आधार पर जिले के पशुओं की संख्या : -श्रेणी संख्या गौ वंश 406363 भैंस 133834 बकरी 283188 सुअर 22524 भेड़ 2168 कुत्ता 1150 खरगोश 409 घोड़ा 55 गदहा 14 खच्चर 05 कुल 849710