समीक्षा के क्रम में जिला पदाधिकारी द्वारा मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण के संदर्भ में निर्देश – नालंदा ।

रवि रंजन ।
बिहार शरीफ : जिला निर्वाचन पदाधिकारी-सह-जिला पदाधिकारी, नालन्दा कुंदन कुमार की अध्यक्षता में विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण कार्यक्रम में प्रगति लाने के निमित्त सभी निर्वाचन निबंधन पदाधिकारी/ सहायक निर्वाचक निबंधन पदाधिकारी के साथ समीक्षा बैठक आयोजित की गई।
समीक्षा के क्रम में जिला पदाधिकारी द्वारा मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण के संदर्भ में प्रगति लाने हेतु निम्नांकित महत्वपूर्ण निर्देश दिए गए :-
मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सभी पात्र नागरिकों के नाम मतदाता सूची में सम्मिलित हों ताकि वे अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकें, कोई भी अपात्र व्यक्ति मतदाता सूची में शामिल न हो और मतदाता सूची में नाम जोड़ने या हटाने की प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी हो।
इस कार्य को भारत निर्वाचन आयोग एवं मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी, बिहार से प्राप्त दिशा-निर्देश के आलोक में समयबद्धता एवं विशुद्धता पर ध्यान देते हुए पूर्ण कराया जाना है।
वर्ष 2003 की मतदाता सूची से वर्ष 2025 का मतदाता सूची से मिलान करने पर दोनों मतदाता सूची में नाम पाये जाने वाले मतदाताओं को गणना प्रपत्र के साथ किसी भी प्रकार का दस्तावेज जमा करने की आवश्यकता नहीं है। इस प्रकार की स्थिति में मात्र वर्ष 2003 की मतदाता सूची में संबंधित मतदाता का दर्ज मतदान केन्द्र संख्या, भाग संख्या, मतदाता सूची का क्रमांक वर्ष 2025 का मतदाता सूची में अथवा ट्रैकिंग सीट पर संबंधित मतदाता के नाम के सामने अंकित कर दिया जाना है।
इस प्रकार सभी बी०एल०ओ० द्वारा वर्ष 2003 की मतदाता सूची से वर्ष 2025 के मतदाता सूची से मैपिंग करते हुए दोनों मतदाता सूची में शामिल मतदाताओं का प्राथमिकता के आधार पर गणना प्रपत्र भरने एवं अपलोडिंग का कार्य कराया जाय।
बी०एल०ओ० के साथ लगाये गये सहयोगी कर्मी यदि उपस्थित नहीं हो रहे हैं अथवा ठीक तरह से कार्य नहीं कर रहे हैं तो तुरंत इसकी सूचना सहायक निर्वाचक निबंधन पदाधिकारी, निर्वाचक निबंधन पदाधिकारी एवं संबंधी कर्मी के जिला स्तरीय पदाधिकारी को दिया जाय।
सभी बी०एल०ओ० सुपरवाईजर प्रतिदिन क्षेत्र में रहकर मतदाता सूची का गहन पुनरीक्षण कार्य के संबंध में दिये गये दायित्वों का निर्वहन करेंगे।
मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण कार्य में आवश्यकतानुसार स्थानीय मुखिया, वार्ड सदस्य एवं अन्य त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधियों का सहयोग लिया जाय।
बी०एल०ओ० को एक-एक घर जाकर ट्रैक करना है। बी०एल०ओ० सुपरवाईजर इसका अनुश्रवण करते हुए यह सुनिश्चित करायेंगे कि सभी बी०एल०ओ० द्वारा अपने मतदान केन्द्र अंतर्गत सभी घरों में जाकर ट्रैकिंग का कार्य कर लिया गया है।
सभी बी०एल०ओ० तत्काल कम से कम 10 प्रपत्र बी०एल०ओ० एप के माध्यम से अपलोड करेंगे। बी०एल०ओ० सुपरवाईजर इसका अनुश्रवण कर तुरंत अनुपालन सुनिश्चित करायेंगे।
सभी बी०एल०ओ० सुपरवाईजर यह सुनिश्चित करेंगे कि किसी भी बी० एलओ० का ट्रैकिंग सीट खाली न रहे।
चूंकि पुनरीक्षण का कार्य निर्धारित समयानुसार एवं विशुद्धता के साथ किया जाना है, अतएव सभी बी०एल०ओ०’ सुबह से ही अपने कार्य पर निकल जायेंगे। सभी बी०एल०ओ० सुरवाईजर भी सुबह क्षेत्र में जाकर इसका अनुश्रवण एवं पुनरीक्षण कार्य में सहयोग प्रदान करेंगे।
सभी बी०एल०ओ० सुपरवाईजर क्षेत्र में उपस्थित रहकर कार्य करते हुए अपना फोटोग्राफ प्रतिदिन सहायक निर्वाची पदाधिकारी को वाट्सएप के माध्यम से भेजेंगे। साथ ही सभी बी०एल०ओ० को भी क्षेत्र में रहकर कार्य करते हुए फोटोग्राफ सहायक निर्वाची पदाधिकारी को वाट्सएप के माध्यम से भेजने हेतु निदेशित करेंगे।
उन्होंने कहा कि 100 गणना प्रपत्र बीएलओ एप पर अपलोड करने वाले चिन्हित बीएलओ को प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मानित किया जाएगा ।
भारत निर्वाचन आयोग द्वारा जारी दिशा-निर्देश के आलोक में निम्न में से कोई एक दस्तावेज गणना प्रपत्र के साथ दिया जा सकता है
i-पारिवारिक सूची
ii-जाति प्रमाण पत्र
आवासीय प्रमाण पत्र
iv-मूल निवास प्रमाण पत्र
V-BR सीरिज का मतदाता पहचान पत्र
vi-शैक्षणिक योग्यता प्रमाण पत्र।
vii- सक्षम प्राधिकार द्वारा निर्गत जन्म प्रमाण पत्र
viii- सरकारी सेवा में नियमित रूप से कार्यरत कर्मियों एवं सेवानिवृत्त कर्मियों के लिए पहचान पत्र / पेंशन भुगतानादेश
ix-01.07.1987 से पूर्व भारत में सरकार, स्थानीय निकाय, बैंक, पोस्ट ऑफिस, जीवन बीमा निगम, लोक उपक्रम द्वारा निर्गत प्रमाण पत्र
X-पासपोर्ट
xi- फॉरेस्ट राईट सर्टिफिकेट
xii- सरकार द्वारा भूमि अथवा आवास आवंटन दस्तावेज यथा-वासगीत पर्चा, आवास योजना आवंटनादेश आदि
xiii- खेसरा मानचित्र
वर्ष 2003 की मतदाता सूची में शामिल मतदाताओं को गणना प्रपत्र के साथ किसी तरह का दस्तावेज नहीं दिया जाना है। मात्र वर्ष 2003 का मतदाता सूची एवं उसका मतदान केन्द्र संख्या, कमांक अंकित कर गणना प्रपत्र अपलोड कर दिया जाना है।
वर्ष 1987 के पूर्व जन्म लिये मतदाताओं को दस्तावेज के रूप में निर्वाचन आयोग द्वारा निर्धारित दस्तावेजों में से किसी एक प्रकार का दस्तावेज दिया जाना है।
वर्ष 1987 से 2004 तक जन्मे मतदाताओं को अपना एक पहचान पत्र दस्तावेज तथा माता अथवा पिता में से किसी एक का दस्तावेज दिया जाना है।
वर्ष 2004 के बाद जन्में मतदाताओं को अपना एक दस्तावेज के साथ-साथ माता एवं पिता दोनों का एक-एक दस्तावेज दिया जाना है।
वर्ष 2003 की मतदाता सूची में यदि आवेदक के माता-पिता का नाम दर्ज है तो उस मतदाता सूची को भी माता एवं पिता के दस्तावेज के रूप में दिया जा सकता है।
जिला पदाधिकारी महोदय द्वारा बताया गया कि मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण समय से एवं विशुद्धता के साथ कराया जाना इस कार्य में लगे सभी लोगों की जिम्मेदारी है। इस कार्य को भारत निर्वाचन आयोग द्वारा सभी स्तर पर गहन अनुश्रवण किया जा रहा है ।
इस अवसर पर नगर आयुक्त,सभी निर्वाचक निबंधन पदाधिकारी , सहायक निर्वाचक निबंधन पदाधिकारी आदि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े थे ।