एसीएस सिद्धार्थ ने ईंट भट्ठे पर कर दी छापेमारी, जो देखा वह बर्दाश्त से था बाहर था – नवादा |
जल्द करेंगे आदेश जारी, लेंगे बड़ा फैसला
रवीन्द्र नाथ भैया |
बिहार के शिक्षा विभाग के एससीएस स्कूलों की मॉनिटरिंग के लिए हर दम अलग अलग प्रयोग करते हैं। कभी वै ट्रेन की भीड़ में नजर आते हैं, कभी वीडियो कॉल पर स्कूलों की जांच करते हैं। अब वह स्कूल से बच्चों के गायब रहने की जानकारी मिलने पर सीधे ईंट भट्ठे पर छापेमारी कर दी। इस क्रम में उन्हें स्कूल से गायब बच्चे काम करते हुए मिले तो वे हैरान रह गए। उन्होंने वहीं पर बच्चों से पूछताछ शुरू कर दी।
बच्चों ने जो बताया सुनकर वह हैरान रह गए। अब उन्होंने ईंट भट्ठों जैसे जगहों को लेकर बड़ा फैसला किया है।
मामला जिले के उग्रवाद प्रभावित सिरदला प्रखंड के निमदा प्राथमिक विद्यालय से जुड़ा है। एसीएस एस. सिद्धार्थ अचानक निरीक्षण के लिए पहुंच गए। उन्होंने स्कूल की व्यवस्था देखकर हैरानी जताई। शिक्षकों ने बताया एक ही रुम में दो क्लास चल रहे हैं, जबकि दूसरे कमरे में ताला बंद है। इसको लेकर उन्होंने शिक्षकों के साथ अधिकारी को भी फटकार लगाई। उन्होंने कहा कि गप्प करने के लिए एक ही जगह क्लास चलाया जा रहा है। एसीएस ने शिक्षिकाओं से पूछा कि आपने ट्रेनिंग में क्या सीखा है।
क्लास की स्थिति देख हैरान:-
एससीएस ने इस दौरान बंद क्लास का निरीक्षण किया, जहां हालत बेहद खराब मिली। जिसको लेकर उन्होंने डीईओ को साफ कहा कि वे कोई निरीक्षण नहीं करते हैं।
पहला नमूना फेल हो गया। इसके बाद वे पानी की व्यवस्था देखने गए जिससे वे काफी असंतुष्ट नजर आए। इस दौरान स्कूल में बच्चों की संख्या पूछे जाने पर 72 बतायी गयी। साथ ही जानकारी मिली कि कई बच्चे ईंट भट्ठे में स्कूल आने की जगह ईंट भट्ठे में काम करते हैं। जिसके बाद एसीएस खुद उन ईंट भट्ठों में छापेमारी के लिए पहुंच गए।
काम करते मिले बच्चे:-
एसीएस ने भट्ठे में कुछ बच्चों को काम करते देखा जिससे एक-एककर उन्होंने बात करना शुरू कर दिया। इस दौरान 13 साल के बच्चे ने बताया कि वे मैसकौर के स्कूल में पांचवीं में पढ़ता है।
इसी तरह दूसरे बच्चे ने बताया कि वह तीसरी कक्षा का छात्र है। जिसको लेकर एसीएस ने उससे कखगघ बोलने के लिए कहा। साथ ही गणित के सवाल पूछे। जबकि तीसरे बच्चे ने बताया कि वह सातवीं में पढ़ता हैं। घर में कोई नहीं है, इसलिए काम कर रहे हैं। बच्चों की बातें सुन एससीएस चिंतित नजर आए।
लिया बड़ा फैसला:-
एससीएस ने बताया कि सभी बच्चे स्कूल में पढ़ने जाएं, यह उनका मौलिक अधिकार है। इसे छीना नहीं जा सकता । उन्होंने कहा कि ऐसा एक जगह नहीं है कि बच्चे अपने मां बाप के साथ मजदूरी करते हैं। इसको रोकने के लिए जल्द ही आदेश जारी किया जाएगा। जिसमें ऐसे सभी जगहों पर जहां बाहर से मजदूरों को काम पर बुलाया जाता है, मालिकों की जिम्मेदारी होगी कि वह उनके बच्चों से काम कराने के लिए नजदीक के स्कूल में एडमिशन कराएं. ताकि वह अपना बचपन पढ़ाई के साथ पूरी करें।