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राष्ट्रीय लोक अदालत में 710 मामलों का हुआ निष्पादन –  नवादा |

रवीन्द्र नाथ भैया |

व्यवहार न्यायालय परिसर में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन हुआ। जिला विधिक सेवा प्राधिकार के अध्यक्ष सह प्रधान जिला जज आशुतोष कुमार झा, प्राधिकार के उपाध्यक्ष सह जिला पदाधिकारी रवि प्रकाश, प्राधिकार के सदस्य सह पुलिस अधीक्षक अभिनव धीमान एवं प्राधिकार के सचिव कुमारी सरोज कृति ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्जवलित कर अदालत की कारवाई का शुभारंभ किया।इस अवसर पर अध्यक्ष ने कहा कि गुण दोष के आधार पर हुए फैसला में एक की जीत होती है तथा दूसरा पराजित होता है। लेकिन इस अदालत के फैसला में किसी की ना तो जीत होती है और ना ही कोई पराजित होता है। बल्कि दोनों पक्ष खुशी-खुशी अपने-अपने घर जाते हैं।
जिला पदाधिकारी ने कहा कि आपसी समझौता के आधार पर निपटाये गये मामलों में आपसी रंजीश समाप्त हो जाती है।
सचिव कुमाारी सरोज कृति ने कहा कि जिला विधिक सेवा प्राधिकार सेवा की भाव से आम लोगों को कानूनी जानकारी देता है। प्राधिकार के द्वारा ही समय-समय पर लोक अदालत का आयोजन किया जाता है। इस अदालत में सुलह योग्य मामलों को आपसी सुलह के आधार पर निपटारा किया जाता है।
कितने मामलों का हुआ निपटारा:-
जिला विधिक सेवा प्राधिकार सचिव ने बताया कि आयोजित अदालत में कुल 710 मामलों को आपसी सुलह के आधार पर निपटाया गया। जिला अंतर्गत विभिन्न बैंकों ने 335 कर्जदारों के साथ समझौता किया। इसके तहत विभिन्न बैंकों ने कर्जदारों से 65 लाख 96 हजार 8 सौ 17 रूपये प्राप्त किया।


पंजाब नेशनल बैंक ने 115, डीबीजीबी 55, स्टेट बैंक 92, बैंक ऑफ इंडिया 31, यूनियन बैंक 18, सेन्ट्रल बैंक ने 12, सेन्ट्रल कॉ-आपरेटिव बैंक ने 5, बैंक ऑफ बडौदा 4, केनरा बैंक ने तथा यूको बैंक ने 1 कर्जदारों के साथ समझौता किया। व्यवहार न्यायालय स्थित विभिन्न अदालतों में लम्बित 367 मामलों को भी सुलह के आधार पर निपटाया गया। इस सुलह के तहत मोटर वाहन दुर्घटना दावा वाद के 11, बीएसएनल 3, श्रम वाद के एक, माप एवं तौल अधिनियम के 6 एवं वन अधिनियम के 8 मामलों को निपटाया गया।
विद्युत कम्पनी ने 5 विपत्र में सुधार किया। जबकि ग्राम कचहरी के 9 मामलों को भी समझौता के आधार पर निपटाया गया। आयोजित अदालत में वन अधिनियम से सम्बंधित 32 वर्ष पुराना वाद संख्या-145/92 को भी आपसी समझौता के आधार पर निपटाया गया। इस मामले में आरोपित पर ताड़ का हरा पेड़ काटने का आरोप था।

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