कस्तूरबा गांधी बालिका छात्रावास टाइप- 4 मामला में आया नया मोड – धमदाहा / पूर्णिया ।
जाँच टीम में शामिल एसडीओ एवम डीईओ के रिपोर्ट में भिन्नता पर उठ रहे सवाल,
संतोष कुमार ।
प्रखंड मुख्यालय स्थित उच्च विद्यालय धमदाहा अवस्थित कस्तूरबा बालिका छात्रावास टाइप -4 में रहने वाले बालिका रात्रि प्रहरी नंदकिशोर ठाकुर, वार्डेन एवं छात्रावास संचालक सह प्रधानाचार्य रामानंद यादव के विरुद्ध एक आवेदन करीब चालीस छात्राओं के द्वारा अनुमंडल पदाधिकारी को पिछले अगस्त माह के 14 तारीख को दिया गया इस खबर मीडिया में आने के उपरांत दूसरे दिन जिला शिक्षा विभाग के द्वारा घटना की जांच की गई थी। जांचोंपरांत दैनिक भोगी रात्रि प्रहरी नंदकिशोर ठाकुर एवं अन्य तीन रसोईयों को सेवा से मुक्त कर दिया था।इसके बाद जांच आगे बढ़ी और यहां की वार्डेन को भी सेवा संहिता से मुक्त कर दिया गया। एवम हाई स्कूल के प्रधान सह छात्रावास के संचालक रामानंद यादव के द्वारा अपने कर्तव्यों एवं उत्तरदायित्व का सुचारु रुप से निर्वहन नहीं करने के कारण जांच समिति के द्वारा एक पत्र जारी करके तत्काल प्रभाव से वेतन को स्थगित कर दिया गया। फिर जांच आगे बढ़ी और इसके बाद इस माह के 4 तारीख को जिला कार्यक्रम पदाधिकारी , पूर्णियां के द्वारा विद्यालय प्रधान सह कस्तूरबा के संचालक रामानंद यादव पर
आठ लाख नौ हजार पांच सौ तीस रुपए का गबन करने का मामला पकड़ते हुए स्पष्टीकरण पूछा गया एवम 24 घंटे के भीतर संतोषजनक जबाव नहीं देने पर सारी राशि वसूलने की बात कही गई
इस पूरी घटना क्रम के बीच अनुमंडल पदाधिकारी, धमदाहा के द्वारा हाई स्कूल के 6 शिक्षको पर छात्रवास के 40 से अधिक छात्राओं को दिग्भ्रमित कर छात्रवास प्रबंधन के विरुद्ध शिकायत हेतु अनुमंडल भेजने का आरोप लगाते हुए स्पष्टीकरण पूछ दिया गया जो अपने आप में बहुत बड़ा सवाल खड़ा करता है। अगर छात्रवास के छात्राओं को दिग्भ्रमित कर इन शिक्षकों ने एसडीओ कार्यालय भेजा तो फिर इन्हीं छात्राओं के द्वारा लगाए गए आरोप को आधार बनाकर जिला शिक्षा पदाधिकारी एवं जिला कार्यक्रम पदाधिकारी स्थापना ने वार्डन रसोईया, और रात्रि प्रहरी पर कार्रवाई कैसे कर दिया,वहीं जिन 6शिक्षकों से एसडीओ के जांच रिपोर्ट पर स्पष्टीकरण पूछा गया है उन शिक्षकों ने बताया कि हमलोगों पर लगाया गया आरोप निराधार है। हमलोगों ने एक शिक्षक और अभिभावक का कर्तव्य और उत्तरदायित्व का निर्वहन किया है। जानबूझकर हमलोगों को इसमें घसीटा जा रहा है। गौरतलब है कि 16 अगस्त को जिला शिक्षा पदधिकारी द्वारा किये जांच में कुल चार बिंदुओं पर जांच की गई जिसमे छात्राओं द्वारा रात्रि प्रहरी पर लगाया गया आरोप को सत्य बताया गया,छात्रावास के भीतर कई तरह की धांधली को जाँच टीम ने पकड़ा जिसमे कई कमरों में पंखा ,बल्व एवम सीसीटीवी दुरुस्त नही पाया गया, छात्रावास का शौचालय एवम सन्नानागार गंदगी से भरा पाया गया बायोमैट्रिक मशीन एक वर्ष से खराब पाया गया पेयजल के लिए लगाया गया आरओ भी खराब पाया गयज़ जिस कारण छात्राओं को दूषित जल पीना पड़ रहा था छात्राओं को दैनिक उपयोग हेतु मिलने वाली सामग्री समेत सेनेटरी नेपकिन भी नही दिया जा रहा था एवम यहाँ रह रहे छात्रों को मीनू के मुताबिक भोजन नही दिया जाता था जाँच टीम को तत्कालीन वार्डेन ने बताया था कि प्रधाना ध्यापक सह संचालक रामानंद को बार बार कहने के वावजूद भी उन्होंने इस इसमें कोई सुधार नही लाया वही वार्डेन ने जाँच टीम को ये भी बताया था कि लेखा से सम्बंधित अभिलेखों की मांग करने पर वार्डेन द्वारा बताया गया था कि सारा अभिलेख विद्यालय प्रधान अपने पास रखते है एवम मांगे जाने पर भी उपलब्ध नही कराया जाता है वही विभागीय निर्देश के वावजूद नियमो के विरुद्ध बालिका छात्रावास के समीप दो शिक्षकों को न सिर्फ आवास मुहैया कराया गया बल्कि उन दोनों शिक्षकों को आवास भत्ता भी विद्यालय प्रधान के द्वारा भुगतान दिखाया गया इस मामले में भी जिला शिक्षा पदाधिकारी के द्वारा विद्यालय प्रधान रामानंद यादव से स्पष्टीकरण मांगते हुए दोनों शिक्षकों को आवंटित आवास से हटाते हुए आवास भत्ता मद में दी गई राशि वसुलने का आदेश जारी हुआ है ।
जांच टीम के द्वारा इतनी बड़ी गड़बड़ी पकड़ने के बावजूद अभी तक सिर्फ स्पष्टीकरण का खेल खेला जा रहा है जिसपर धमदाहा के बुद्धिजीवियों ने सवाल खड़ा करते हुए इस मामले के दोषियों पर कार्रवाई करने का मांग पूर्णिया डीएम से किया है। वहीं इस संबंध में अबतक हुई कार्रवाई की जानकारी के लिए जब जिला शिक्षा पदाधिकारी एवं जिला कार्यक्रम पदाधिकारी स्थापना से मोबाइल पर संपर्क किया गया तो दोनो ने फोन रिसीव नहीं किया।