जिला प्रशासन के अजब गजब कारनामे – नवादा |
मांगा दस्तावेज तो बुलाया अभिलेख का अवलोकन करने , मामला नजरडीह पंचायत मुखिया का
रवीन्द्र नाथ भैया |
जिला प्रशासन के भी अजब गजब कारनामे सामने आते रहते हैं। जी हां! यह कोई मनगढंत कहानी नहीं बल्कि दस्तावेज कह रहा है। मांग जा रहा दस्तावेज तो बुलाया जाता है अभिलेख का अवलोकन करने। ऐसे में यह कहा जा सकता है कि या तो अधिकारियों में ज्ञान की कमी है या फिर वे जानबूझकर आरोपी को बचाना चाहते रहे हैं। मामला जिले के उग्रवाद प्रभावित रोह प्रखंड क्षेत्र के नजरडीह पंचायत मुखिया से जुड़ा है।
जिले के बहुचर्चित आरटीआई कार्यकर्ता कार्यकर्ता प्रणव कुमार चर्चील ने गवन के मामले में आरोपी मुखिया के विरुद्ध लाये गये निलाम पत्र वाद से संबंधित दस्तावेज की मांग सूचना के अधिकार के तहत निलाम पत्र अधिकारी राजीव रंजन से मांगी थी। उन्होंने दस्तावेज उपलब्ध कराने के बजाय उन्हें दस्तावेज दस्तावेज का कार्यालय में अवलोकन के लिये तिथि व समय उपलब्ध कराने की सूचना भेज दी। ऐसा कर उन्होंने न केवल आरोपी से संबंधित की गयी कार्रवाई को छिपाने का काम किया बल्कि आवेदक को व्यक्तिगत रूप से क्षति पहुंचाने का कार्य किया है।
उन्होंने इस बावत प्रथम अपीलीय अधिकारी को पत्र लिखकर उनके कार्यकलापों की जांच के साथ ही आवश्यक कार्रवाई की मांग की है।
बता दें इसके पूर्व सूचना के अधिकार के तहत उपलब्ध कराये गये दस्तावेज के आधार पर मुखिया के विरुद्ध प्राथमिकी से लेकर सारी कार्रवाई हो चुकी है। अब निलाम पत्र वाद के तहत राशि जमा कराया जाना है। लेकिन निलाम पत्र वाद अधिकारी की मनमानी के कारण अबतक न तो राशि जमा करायी गयी न ही शेष कार्रवाई की जा रही है।