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अशोक महतो की पत्नी अनीता को लालू ने दिया मुंगेर से राजद का सिंबल! – नवादा ।

शादी के तीन दिन बाद मिला तोहफा!

रवीन्द्र नाथ भैया ।
शादी के तीन दिन के भीतर बाहुबली अशोक महतो की पत्नी अनीता कुमारी को राजद का टिकट मिल गया है। वह मुंगेर में जेडीयू के ललन सिंह को चुनौती देंगी। अशोक महतो की पत्नी के मैदान में उतरने से मुंगेर का चुनाव रोचक हो गया है।
90 के दशक में नालंदा, नवादा,शेखपुरा,लखीसराय और मुंगेर के इलाके में सामंती समूहों के उत्पीड़न और दबंगई के खिलाफ हथियार उठाने वाले अशोक महतो पर दर्जनों हत्याओं और नवादा जेल ब्रेक कांड में मुकदमे दर्ज हुए थे।
मुकदमों से बरी होने के बाद जेल से रिहा होते ही महतो ने चुनाव लड़ने के संकेत दिये थे। इस सिलसिले में लालू यादव से बात होने पर उन्हें शादी करने और पत्नी को चुनाव मैदान में उतारने की सलाह दी गयी।
लालू की सलाह पर बिना लग्न मुहूर्त के खरमास (ऐसा कालखंड जिसमें हिंदू रीति-रिवाज में शुभ कार्य वर्जित होता है) में लड़की खोज कर अशोक महतो की शादी हुई।
अशोक की पत्नी के पिता रिटायर्ड इंजीनियर हैं। वह दिल्ली में किसी प्राइवेट कंपनी में नौकरी करती थीं। शादी के बाद पति-पत्नी लालू का आशीर्वाद लेने उनके आवास पर पहुंचे थे। बीती रात लालू ने अनीता को राजद का सिंबल दे दिया।
मुंगेर के चुनावी मैदान में डॉन पहले भी उतरते रहे हैं। अशोक महतो उसी कड़ी की फेहरिस्त हैं। चुनाव लड़ने की ख्वाहिश पूरी करने के लिए उन्होंने खरमास में बियाह किया है।
ऐसा ही चुनावी विवाह सीवान की निवर्तमान सांसद कविता सिंह का अजय सिंह से हुआ था। तब नीतीश कुमार की सलाह पर अजय और कविता की खरमास में शादी कराई गयी थी। अजय की माता जगमातो देवी के निधन से खाली हुई सीट पर कविता जदयू की विधायक चुनीं गयीं। 2019 में सीवान से सांसद भी बनीं।
पीछे मुड़कर देखें तो बाहुबली कहे जाने वाले सूरजभान की पत्नी वीणा देवी 2014 में लोजपा के टिकट पर मुंगेर से सांसद चुनी गयी थी। तब रामविलास पासवान लोजपा के सुप्रीमों थे। वीणा ने जेडीयू के ललन सिंह को हरा दिया था। इससे पता चलता है कि ललन बाबू अपराजेय नहीं हैं!
2019 के चुनाव में बाहुबली अनंत सिंह की पत्नी नीलम देवी राजद समर्थित कांग्रेस की उम्मीदवार थीं। मुकाबले में जेडीयू के ललन सिंह थे। नीलम हार गयीं। ललन सिंह जीत गये। मुंगेर में बाहुबलियों का इस्तेमाल नया नहीं है। और यह भी कि ललन सिंह भी अपराजेय नहीं हैं।
मुंगेर ने उनको भी हार का स्वाद चखाया है। हां,यह बात अलग है कि पिछले दो चुनावों में भूमिहार बनाम भूमिहार होता रहा है। अबकी बार समीकरण बदला हुआ है।
अब भूमिहार बनाम कुर्मी हो गया है। जेल से मुक्त होने के बाद अशोक महतो चुनाव लड़ना चाहते थे। लेकिन कानूनी अड़चनों को देखते हुए उनको मना कर दिया गया। कहा गया कि चुनाव लड़ना है तो शादी कर लो।
ऐसे में अशोक ने 60 साल की उम्र में शादी करने की चुनौती कबूल‌ कर ली। काफी मशक्कत के बाद लेकिन लड़की मिल गयी। दिल्ली रिटर्न लड़की। पढ़ी-लिखी और समझदार है। नाम है अनिता कुमारी। वह राजद की उम्मीदवार बन गयी हैं। लगातार तीसरी बार ललन के सामने कोई महिला उम्मीदवार चुनौती पेश करने जा रही है।

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