Welcome to KHABRE TV   Click to listen highlighted text! Welcome to KHABRE TV
Life StyleState

हिंदी हम सब की परिभाषा – नवादा |

राम रत्न प्रसाद सिंह रत्नाकर की विशेष रिपोर्ट…
हिंदी सागर है तो लोक भाषाएं नदी है, एक दूसरे के सहयोगी हैं। आजादी के 75 साल गुजर जाने के बाद भी हिंदी को सरकारी स्तर से वह सम्मान प्राप्त नहीं हो सका जिसके अधिकारी है।
बिहार में मगही, भोजपुरी और मैथिली भाषा के साथ हिंदी का संबंध निकट का है। इस संदर्भ में जॉर्ज ग्रियर्सन ने लिखा है कि बंगाल से पंजाब के बीच का हिस्सा मुख्य रूप से गंगा नदी के आसपास के क्षेत्र के लोग द्विभाषी है। अपने घर परिवार में अपनी मृत मातृभाषा में बात करते हैं और बाहरी लोगों से के साथ हिंदी में बात करते हैं। यह भाषा साहित्य की खूबसूरती है।
1931 में जनगणना के रपट में डा. हटन ने पूरे बिहार को हिंदी भाषी प्रदेश माना है। यह भी माना गया है कि बिहारी भाषा जिसे पूर्व में बोलियां कहा जाता था अब जब मगही भोजपुरी, मैथिली भाषा का अपना साहित्य का भंडार है तो अब तीनों भाषा हैं और तीनों भाषा के शब्द भंडार से हिंदी का भंडार भरा हुआ है।
खासकर मगही के आदि कवि सरह पाद को हिंदी के कई मान्य विद्वानों ने हिंदी के भी आदि कवि माना है, मगही कुरमाली बोलने वाले जब बौद्धिक, साहित्यिक, राजनैतिक, सामाजिक एवं अपनी संस्कृति का विकास करते हैं तब हिंदी को ही अपनाते है।
लोक साहित्य प्राय: मौखिक होता है ,लेकिन लोककंठ में सुरक्षित रहकर परंपरागत ढंग से प्रवाहित होता रहता है। खासकर प्राचीनतम ऋग् वेद में ऋषि मुनियों के कथन है तो अथर्व वेद लोकजीवन से जुड़ा है, लेकिन दोनों एक दूसरे के पूरक हैं।
जॉर्ज ग्रियर्सन ने 1889 में मगध, भोजपुर और मिथिला में प्रचलित लोक गाथाओं का संग्रह किया था। गाथा को ज्यों के त्यों रूप में रखा और उसके भवार्थ अंग्रेजी में लिखा था। लोक गाथाओं में आल्हा उदल, विजय महल, गोपीचंद, सोठी बृजभार को बंगाल के पत्रिका में प्रकाशित किया गया। यह स्पष्ट है कि बंगाल से ही प्रथम हिंदी पत्रिका का प्रकाशन प्रारंभ हुआ था।
कोटि-कोटि कांठो की भाषा जन मन की मुखरित अभिलाषा।
हिंदी है पहचान हमारी हिंदी हम सब की परिभाषा।।
भारत की आत्मा में हिंदी निवास करती है, हिंदी के विकास के बिना भारत का विकास संभव नहीं है। हिंदी के प्रचार-प्रसार के लिए 11 विश्व हिंदी सम्मेलन अब तक हो चुके हैं। प्रथम विश्व हिंदी सम्मेलन नागपुर में हुआ था। 11वां विश्व हिंदी सम्मेलन मारीशस की राजधानी पोर्ट लुई में 18 से 20 अगस्त 2018 में संपन्न हुआ था। उस समय के विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने उक्त कार्यक्रम में कहा था कि वह दिन दूर नहीं जब हिंदी संयुक्त राष्ट्र संघ की अधिकृत सातवीं भाषा बनेगी।
अब आवश्यकता है हिन्दी को राष्ट्र भाषा का दर्जा देने का जिसका इंतजार सभी को है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
Click to listen highlighted text!