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मौसम में बदलाव के बाद तिल का सेवन आवश्यक – नवादा |

मकर संक्रांति को ले दुकानों से लेकर फुटपाथों तक सजीं दुकानें

रवीन्द्र नाथ भैया |

मकर संक्रांति की उलटी गिनती शुरू हो गयी है।बाजार में तिलकुट के साथ-साथ गुड़ व चूड़े की दुकानें सज गयी है। बड़ी दुकानों से लेकर फुटपाथों पर लगने वाली दुकानों में सामग्री दिख रही है।
मकर संक्रांति को ले तिलकुट, मस्का, गुड़ व चुड़ा में स्थानीय स्तर पर सामान की अधिकता है। बाजार में कई क्वालिटी के तिलकुट मिल रहे हैं। इसमें चीनी, गुड़, खोवा का तिलकुट व तिलकदम धड़ल्ले से बिक रहा है। परंतु सबसे ज्यादा मांग खोवा, तिलकुट व तिलकदम का है। जानकारों का कहना है कि मकर संक्रांति पर चूड़ा, गुड़, तिलकुट व मस्का के साथ दही का सेवन करने का धार्मिक व पौराणिक महत्व है। तिल ठंड को दूर भगाने वाला होता है। मौसम में बदलाव के बाद तिल का सेवन जरूरी माना जाता है। यह स्वास्थ्यवर्धक भी होता है। पौराणिक ग्रंथों में भी इसका वर्णन है। तिल देवताओं का प्रिय वस्तु है। विष्णु पूजन में इसका उपयोग होता है। मान्यता है कि नयी फसल होने के बाद किसान सुपाच्य भोजन चूड़ा-दही के साथ तिलकुट का सेवन कर जश्न मनाते हैं। मकर संक्रांति के दिन सुबह में चुड़ा-दही, तिलकुट, गुड़, मस्का व शाम में कुल्थी की दाल की खिचड़ी बनाकर खाते हैं। जानकारी के अनुसार, कुल्थी का दाल पेट के अंदर के विकारों को दूर करता है। पथरी रोग, वायु विकार इससे पूर्ण रूप से नष्ट होता है। लुप्त हो रही पतंगबाजी :- पहले मकर संक्रांति व उसके पहले से ही जमकर पतंगबाजी होती थी। यह प्रथा अब न के बराबर देखने को मिलती है। अब इक्का-दुक्का लोग ही पतंगबाजी का मजा लेते हैं। लोग अपने सगे-संबंधियों के यहां चूड़ा-तिलकुट भेजते हैं। खासकर बाहर रहने वाले रिश्तेदारों व जान-पहचान वालों को सौगात के रूप में भेजा जाता है।
सब्जियों का उठाते हैं लुफ्त:- मकर संक्रांति के अवसर पर चुड़ा-दही, तिलकुट, मस्का के साथ चटपटी सब्जियों का भी लुफ्त उठाते हैं। मकर संक्रांति पर्व को लेकर सब्जियों की खरीदारी बढ़ जाती है। मांग अधिक होने के कारण सब्जियां बाजार से जल्दी गायब हो जाती है। कहते हैं तिलकुट व्यवसायी:- जाड़े के मौसम में लोग मिठाई की जगह तिलकुट की खरीदारी करते हैं। इसका अलग महत्व होने के बावजूद बच्चे, बूढ़े व जवान सभी इसका सेवन करते हैं।
चितरंजन उर्फ कारु, संदेश भंडार, अकबरपुर, नवादा: मकर संक्रांति के पहले और बाद तक तिलकुट की बिक्री होती है। तिलकुट की बिक्री मकर संक्रांति पर सबसे अधिक होती है। बिक्री इतनी अधिक होती है कि मांग की पूर्ति करना मुश्किल है।
फंटुस कुमार, मेन रोड वारिसलीगंज: कीमत एक नजर में….. सामान कीमत (प्रति किलो) चीनी तिलकुट 260 रुपये से 360, गुड़ तिलकुट 260 रुपये, मावा तिलकुट 400 रुपये, चीनी मस्का 200 रुपये गुड़ मस्का 160 रुपये भुरा 70 रुपये साधारण चुड़ा 40 रुपये बासमती चुड़ा 70 रुपये प्रति किलोग्राम।

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