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बकसंडा मुखिया व पं सचिव का जिन्न फिर निकला बाहर –  नवादा |

मामला 08 लाख 34 हजार रुपये निकासी का

रवीन्द्र नाथ भैया |

कहते हैं मामले को लाख दबाओ लेकिन वह दबता नहीं है। कुछ इसी प्रकार का मामला जिले के अकबरपुर प्रखंड क्षेत्र के बकसंडा पंचायत का है। मुखिया व पं सचिव द्वारा अपने निजी कार्य के लिए सरकारी राशि का दुरूपयोग किये जाने की शिकायत जिला प्रशासन से वार्ड सदस्यों ने की थी। जांच में दोषी पाये जाने के बावजूद प्रशासन ने लाभ- शुभ के बाद मामले को दबा दिया।
भला मामला दबता है क्या? सब थक जाता है तब पाप का घड़ा अवश्य फटता है। अब इसका जिन्न एक बार फिर बाहर आया है। लेकिन इससे पहले जान लें क्या और कब का था मामला।
बकसंडा पंचायत मुखिया विनोद कुमार ने पं सचिव ओमप्रकाश निराशा की मिलीभगत से दो तिथियों में सरकारी राशि कुल 08 लाख 34 हजार रुपये की निकासी करा ली। वार्ड सदस्यों को जब वित्तीय अनियमितता की जानकारी मिली तब जिला प्रशासन से मामले की जांच की गुहार लगायी। जैसे ही मुखिया व पं सचिव को जानकारी मिली उन्होंने निकासी की गयी राशि को खाते में जमा करा दी।
उप विकास आयुक्त ने करायी जांच:- वार्ड सदस्यों के आवेदन के आलोक में उप विकास आयुक्त ने पत्रांक 513/ वि दिनांक 31/07/2023 के द्वारा जांच की जिम्मेदारी वरीय उप समाहर्ता विकास पाण्डेय को सौंपी।
कार्रवाई की अनुसंशा:- वरीय उप समाहर्ता द्वारा की गयी जांच में दोनों को दोषी पाते हुये अपनी जांच रिपोर्ट उप विकास आयुक्त को सौ़पी। अपने पत्रांक 696 दिनांक 08/09/2023 में उन्होंने वित्तीय अनियमितता का दोषी पाते हुए पं सचिव पर प्राथमिकी व मुखिया को पदमुक्त करने की अनुसंशा की। अनुसंशा के चार माह से अधिक व्यतीत होने के बावजूद अबतक किसी प्रकार की कार्रवाई न कर अनुसंशा को रद्दी की टोकरी में डाल दिया गया। जाहिर है ऐसा लाभ- शुभ के बगैर हो नहीं सकता।
लिया संज्ञान:- मामले को दबता देख जिले के बहुचर्चित आरटीआई कार्यकर्ता प्रणव कुमार चर्चील को स्वत: संज्ञान लेते हुए सूचना के अधिकार के तहत दस्तावेज की मांग कर दी है। इस प्रकार अब एकबार फिर जिन्न का बाहर आना तय है। यानि मुखिया व पं सचिव की परेशानी बनी तय मानी जा रही।

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