रवीन्द्र नाथ भैया |
जिले के गया-किउल रेलखंड के दोहरीकरण के कार्य की शुरुआत रेलवे ने 2016 में किया था। वित्तीय वर्ष-2020-21 के बजट में 280 करोड़ की लागत वाली इस परियाजना को मार्च 2021 तक पूरा करने का लक्ष्य था, लेकिन, मामला अब भी अटका पड़ा है। अंतिम चरण में चल रहे दोहरीकरण का काम नवादा स्टेशन से तिलैया स्टेशन के बीच अधूरा पड़ा है। इस बीच सोमवार को निर्माणाधीन दोहरी लाइन का ट्रायल पूरा किया गया।
खुरी नदी पर बने पुल की क्षमता की जांच की गयी। इस दौरान रेल पटरी पर गिट्टी लदी ब्लास्ट ट्रेन दौड़ाकर ट्रायल किया गया।
नवादा से तिलैया के बीच यह पहला ट्रायल था। अभी तक इस योजना के लंबित रहने का सबसे बड़ा कारण पहले खुरी नदी के पुल के निर्माण में बाधा थी। लेकिन, नदी परिक्षेत्र में निर्माण कार्य लगभग पूरा हो चला है। इस रेलखंड में महज 20 प्रतिशत काम बाकी है। अंतिम चरण में है काम:- दोहरीकरण के पहले चरण में मानपुर से वजीरगंज तक लगभग 36 किलोमीटर दोहरीकरण का काम 2019 में ही पूरा हो गया था। दूसरे चरण में वजीरगंज से तिलैया तक 18 किलोमीटर का कार्य भी इसी साल के अगस्त में पूरा हो चुका है, जबकि, तीसरे चरण में शेखपुरा से लखीसराय 27 किलोमीटर व चौथे चरण में पिछले एक सितंबर से शेखपुरा से लेकर काशीचक के बीच 15 किलोमीटर का सफर भी डबल लाइन के कारण सुविधाजनक हो गया। इसके बाद काशीचक से वारिसलीगंज के बीच डबल लाइन के कारण 10 किलोमीटर का सफर भी सुविधाजनक हो गया।
किऊल से गया तक 129 किलोमीटर की दूरी को और भी सुविधाजनक बनाने के लिए वारिसलीगंज से नवादा स्टेशन तक का कार्य इस साल जुलाई में पूरा किया गया। अंतिम चरण में तिलैया से नवादा के बीच 15 किलोमीटर तक डबलिंग का कार्य किया जाना शेष है।
किऊल-गया के बीच 129 किलोमीटर सिंगल रेल लाइन को डबल करने के लिए बजट में प्रावधान करने के साथ ही विद्युतीकरण का भी प्रस्ताव लिया गया था। विद्युतीकरण 2018 में पूरा हो गया। इस हिसाब से किउल-गया रेल खंड का पूर्ण रूप से दोहरीकरण का लाभ यात्रियों को 2024 में भी नहीं मिल पायेगी। कहते हैं पदाधिकारी:- फिलहाल नवादा से तिलैया तक 20% काम बाकी है।
खुरी नदी पर बने रेलवे ब्रिज की क्षमता लोड चेक किया गया, जो सफल रहा। नवादा से तिलैया का सीआरएस तारीख अभी तक तय नहीं हुआ है। उम्मीद है कि जनवरी के फर्स्ट वीक में काम पूरा हो जायेगा।
तारकेश्वर चौधरी, वरीय कार्यपालक अभियंता, रेलवे नवादा