रवीन्द्र नाथ भैया |
जिले के उग्रवाद प्रभावित सिरदला प्रखंड क्षेत्र शेरपुर गांव से करोड़ों रुपये की ठगी कर भागने वाले नसीम ब्रदर्स को खोज पाने में पुलिस अबतक विफल साबित हुई है। उक्त मामले में सुपर कार्प थानाध्यक्ष की भूमिका संदेह के घेरे में है।
यहां तक कि नसीम ब्रदर्स के शागिर्द रह चुके, इसी क्षेत्र के एक व्यक्ति का ऑडियो तेजी से वायरल हुआ था। मोबाइल फोन पे हो रही बात चित से स्पष्ट हो रहा था कि नसीम ब्रदर्स कहां हैं, कैसे हैं, इनको सब पता है, भले ही पुलिस का हाथ खाली हो, या फिर लाभ- शुभ के चक्कर में बचाने का प्रयास कर रही हो?
सूत्रों के अनुसार काफी नजदीक रह कर इनके इशारों पर नसीम ब्रदर्स चला करते थे । बात चित के ऑडियो से स्पष्ट झलकता था कि कितने नजदीक थे ये ।
जानकारी के अनुसार उपयुक्त ऑडियो क्षेत्र के बसेरिया निवासी सुबोध कुमार उर्फ शकल यादव का बताया जा रहा था। लोगो में तरह तरह था कि वे काफी नजदीक रहा करते थे सकल यादव । पूरे परिवार और नाता रिश्तेदारों से भी इनकी अच्छी बनती थी तभी तो बात चित हो रही थी।
पैक्स चुनाव नजदीक था। लोगों में चर्चा था कि नसीम ब्रदर्स के ठगी के रुपयों से ही चुनाव में खर्चा खूब कर रहें है ।
वायरल फोन कॉल की पुष्टि हमारी खबर नहीं कर रही थी। वायरल फोन कॉल की पुलिसीया जांच पड़ताल से ही पता चल सकता था।कयास लगाया जा रहा था कि कहीं वायरल के बाद ये भी नसीम ब्रदर्स के पास न चले जायें ? बावजूद पुलिस ने जांच तक कराना मुनासिब नहीं समझा। ऐसे में पुलिस कार्रवाई पर उंगली उठनी शुरू हो गयी है।
अब सबसे बड़ा सवाल नसीम ब्रदर्स गिरफ्तार हो भी सकेगा ? फिर उन गरीबों का करोड़ों रुपए वापस मिल सकेगा?