फर्जी तरीके से किसी रैयत की भूमि का भू स्वामित्व प्रमाण पत्र बनाने बाले राजस्व कर्मचारी को समाहर्त्ता द्वारा दिया गया अनिवार्य सेवा निवृत्ति का दण्ड – नालंदा ।
रवि रंजन ।
नालंदा : राजगीर के तत्कालीन राजस्व कर्मचारी हरेश नारायण साहू , वर्त्तमान में थरथरी में पदस्थापित, द्वारा भुई के किसी रैयत की जमीन का खाता-खेसरा एवं रकबा किसी अन्य व्यक्ति के नाम से अंकित कर फर्जी तरीके से अन्य व्यक्ति के नाम से भू-स्वामित्व प्रमाण पत्र (एल पी सी) बना दिया गया था।
मामला संज्ञान में आने के उपरांत आरोपी राजस्व कर्मचारी के विरुद्ध प्रपत्र ‘क’ गठित कर विभागीय कार्यवाही का संचालन किया गया। इसके संचालन पदाधिकारी भूमि सुधार उपसमाहर्त्ता राजगीर तथा उपस्थापन पदाधिकारी अंचलाधिकारी राजगीर थे। विभागीय कार्यवाही की प्रक्रिया में आरोपी राजस्व कर्मचारी द्वारा भी अपना पक्ष प्रस्तुत किया गया। विभागीय कार्यवाही में उनके द्वारा की गई अनियमितता की पुष्टि हुई। उक्त आलोक में समाहर्त्ता द्वारा श्री साहू को वृहत दण्ड श्रेणी के तहत अनिवार्य सेवा निवृत्ति का दंड अधिरोपित किया गया।