जहां बेदर्द हाकिम हो वहां फरियाद क्या करना,पीडीएस विक्रेता को दी क्लीनचिट – नवादा |
रवीन्द्र नाथ भैया |
जैसी की आशंका थी, आखिर वही हुआ। कालाबाजारी के लिए ले जाया जा रहा पीडीएस का गेहूं किसान का बता अधिकारियों ने मुक्त कर दिया। इसी को कहते हैं:- जहां बेदर्द हाकिम हो वहां फरियाद क्या करना।
जी हां, यहां हम बात कर रहे हैं जिले के उग्रवाद प्रभावित सिरदला बाजार से जब्त किए गये टेम्पो से पीडीएस के गेहूं कालाबाजारी की।
उक्त मामले की जांच प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी दीपक प्रसाद को मिली और उन्होंने चंद घंटों में रजौली एसडीएम को जांच प्रतिवेदन समर्पित कर दिया। यानी दूध की रखवाली बिल्ली को।
अबतक पीडीएस में अधिकारियों द्वारा जांच के नाम पर यही किया जाता रहा है। इसिलिए तो कहते हैं जहां बेदर्द हाकिम हो वहां फरियाद क्या करना।
सबसे बड़ा सवाल इतनी जल्दी खाद्यान्न का वितरण कर दिया गया? भंडार पंजी दुरुस्त मिला? जिले के पीडीएस विक्रेताओं द्वारा गेहूं का वितरण किया भी जाता है क्या? हर उपभोक्ता को पांच किलोग्राम खाद्यान्न मिलता है क्या? अगर प्रति एक किलोग्राम ही बिक्री के लिए आया तो उसे कालाबाजारी नहीं कहेंगे क्या? इन सारे सवालों का जबाब अधिकारियों को देना होगा।