निजी स्कूली वाहनों में भेड़ बकरियों की तरह बिठाए जाते हैं छोटे छोटे बच्चे – नवादा |

रवीन्द्र नाथ भैया |
स्कूल संचालकों की लापरवाही व चंद पैसे के लालच में जिले के उग्रवाद प्रभावित सिरदला प्रखंड क्षेत्र के एक निजी स्कूल के द्वारा, स्कूली बच्चों को जान हथेली पर रखकर स्कूल का सफर तय करा रहा है। जिन वाहनों को स्कूल बस के रूप में प्रयोग किया जाता है, उनमें से ज्यादातर तय मानकों को पूरा ही नहीं करते।
कहीं पर आटो तो कहीं पर पिकअप जैसे वाहनों को स्कूल वाहन के तौर पर प्रयोग किया जा रहा है। इन वाहनों में बच्चों को ठूंस ठूंसकर भरा जाता है। वाहनों में सफर कर रहे बच्चों के हाथ पांव बाहर लटकते रहते हैं, जिससे हादसे होने की आशंका रहती है।
सुबह के समय व स्कूल की छुट्टी होने के बाद अक्सर ऐसा नजारा सिरदला बाजार क्षेत्र में हर सड़क पर देखा जा सकता है।
हैरानी की बात है कि पुलिस प्रशासन व शिक्षा विभाग के संज्ञान में मामला होने के बाद भी अधिकारी मूकदर्शक बने हुए है। पुलिस प्रशासन व शिक्षा विभाग के अधिकारी पूछने पर एक ही बात कहते हैं कि नियमों की अवहेलना करने वाले संचालकों पर कड़ी कार्रवाई होगी।
जमीनी हकीकत यह है कि कार्रवाई के नाम पर कुछ नही किया जाता। पुलिस व शिक्षा विभाग के अधिकारी स्कूल संचालक की लापरवाही से भी भली भांति वाकिफ है, जिसका फायदा उठाकर नियमों को ताक पर रखते हुए अवैध स्कूली वाहन चलाए जा रहे है। अवैध स्कूली वाहनों को प्रयोग करने में सिरदला के कई नामी गिरामी निजी स्कूल भी पीछे नही हैं।
आटो व पिकअप का हो रहा प्रयोग:-
स्कूल वाहनों के रुप में आटो, पिकअप व अन्य छोटे वाहनों का धड़ल्ले से प्रयोग किया जा रहा है। ऐसे वाहनों में बच्चों को ठूंस ठूंसकर बैठाया जाता है। इन वाहनों के चालक भी ज्यादा पैसे कमाने के चक्कर में एक दूसरे से आगे निकलने की होड़ में लगे रहते है। कई वाहन चालक तो नाबालिक होतें है ।
इस प्रकार के वाहन सिरदला बाजार के हर एक सड़क, चौक पर पुलिस के सामने से गुजरते है, लेकिन पुलिस कार्रवाई के बजाय हाथ पर हाथ धरे बैठी रहती है। ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि कभी भी सिरदला में स्कूली वाहन से सफर कर रहे बच्चे कभी ना कभी दुर्घटना के शिकार हो सकते हैं।