नदियों में कटाव रोकने के लिए बालू के बोरों से हो रही पिचिंग – नवादा ।
बाढ़ नियंत्रण केंद्र नालंदा की पहल, तटीय कटाव से मिलेगी राहत

रवीन्द्र नाथ भैया ।
जिले के बिहार – झारखंड सीमा से सटे रजौली
प्रखंड क्षेत्र के जंगलों व पहाड़ों में हो रही बारिश की पानी के दबाव के के कारण कर्बला नगर, पचम्बा, झिझो, चितरकोली और बौढ़ी समेत कई गांवों में नदियों से सटे तटीय इलाकों में लगातार हो रहे मिट्टी के कटाव से ग्रामीण परेशान हैं। बारिश के दिनों में धनार्जय और खुरी नदियों के उफान पर होने के कारण भारी मात्रा में मिट्टी का कटाव होता है, जिससे खेत और पेड़-पौधे नदी में समा जाते हैं।
भूमि की उर्वरता कम हो जाती है। इस गंभीर समस्या से निबटने के लिए बाढ़ नियंत्रण केंद्र, नालंदा की ओर से महत्वपूर्ण पहल की जा रही है। एफएफ-2025 के बोरे में नदी से बालू भरकर तटीय क्षेत्रों में पीचिंग का कार्य युद्धस्तर पर जारी है। कार्य का नेतृत्व बाढ़ नियंत्रण केंद्र नालंदा के कनीय अभियंता कमलेश कुमार कर रहे हैं।
कर्बला नगर के डॉ. रहीम, पैरू खान और कुंडला मुहल्ले के महफूज आलम समेत दर्जनों ग्रामीणों ने बताया कि नदी में आयी बाढ़ के कारण मिट्टी के कटाव से कई पुराने और विशाल पेड़ नदी किनारे झुक गये हैं, जो कभी भी नदी में गिर सकते हैं।
बाढ़ के प्रकोप से मिलेगी निजात:-
ग्रामीणों ने उम्मीद जतायी है कि विभाग की ओर से कराये जा रहे पीचिंग कार्य से तटीय कटाव रुकेगा और आसपास के पेड़-पौधे तथा कृषि भूमि नदियों में बहने से बच सकेंगे। पहल निश्चित रूप से स्थानीय लोगों के लिए राहत लेकर आयेगी और उन्हें बाढ़ के प्रकोप से कुछ हद तक निजात मिलेगी।
फिलहाल, कर्बला नगर में तटीय कटाव से बचने के लिए पीचिंग कार्य युद्धस्तर पर जारी है।