नशामुक्ति दिवस पर नवादा की कौशल्या मुख्यमंत्री के हाथों हुई सम्मानित – नवादा ।
रवीन्द्र नाथ भैया ।
नशामुक्ति दिवस 2023 के शुभ अवसर पर नीतीश कुमार मुख्यमंत्री बिहार के द्वारा संवाद भवन, देशरत्न मार्ग, पटना में शराबबंदी के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने के लिए जीविका दीदी कौशल्या देवी को मद्य निषेध पदक, स्मार्ट वाच आदि देकर सम्मानित किया।
कौशल्या देवी ने नशामुक्ति/शराबबंदी के क्षेत्र में अपने सदर प्रखंड के महुली पंचायत की गौसनगर में 2014 से ही शराबबंदी के लिए प्रयासरत थी। उन्होंने जीविका दीदीयों के सहयोग से अपने गाॅव क्षेत्र में शराबबंदी कार्यक्रम को सफल बनायी।
जिले के सदर प्रखंड के अंतर्गत महुली पंचायत की गौसनगर गाँव में अवैध शराब बनाने तथा बेचने का धंधा बड़े पैमाने पर चल रहा था, जिसके कारण अधिकतर घरों में अशांति, मारपीट एवं आमदनी का आधा से ज्यादा पैसा शराब में जा रहा था। भोजन, बच्चों की पढाई आदि आवश्यक कार्य में भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था। गांव की महिलायें इससे काफी परेशान थी। उन्हीं में से एक दीदी है जिनका नाम कौशल्या देवी, जो शंकर जीविका स्वयं सहायता समूह एवं दुर्गा जीविका महिला ग्राम संगठन की सदस्य हैं। इनके परिवार में पति के अलावा 5 बेटा तथा 1 बेटी है। उनके पति अवधेश पासवान राजमिस्त्री का काम कर अपने परिवार का जीविकोपार्जन करते हैं। दीदी के पति को शराब पीने की बहुत बुरी लत लगी थी।
कौशल्या दीदी के द्वारा बताया गया कि मेरे पति प्रतिदिन 400 रूपये कमाते थे और जिसमें से 200 रूपये का शराब पी जाया करते थे। घर आने के बाद नशे के हालत में कौशल्या दीदी से मार-पीट, झगड़ा तथा उन्हें घर से निकलने की धमकी देते थे। इस स्थिति के कारण घर चलाना काफी मुश्किल हो रहा था।
दुर्गा ग्राम संगठन की बैठक में शराब के कारण हो रही परेशानियों की आपबीती कौशल्या दीदी के द्वारा रखी गई तथा सभी दीदियों ने गाँव में शराब बंदी को लेकर एक जागरूकता रैली निकालने का निर्णय लिया। बैठक के चार दिन बाद गाँव में जागरूकता रैली निकाली गयी जिसके उपरांत कई घरों में उनके पतियों द्वारा पिटाई, गाली-गलौज एवं अवैध शराब भट्टी के मालिकों द्वारा दीदियों के शराबबंदी का मजाक उड़ाया गया कि “*दस रुपईया वाली जनानी सब चले हे, शराब बंद कराने एवं “दसे रूपया में मौगी लोग पगला गईले हे”।
पुनः दो दिनों बाद सभी दीदियों ने बैठक की और निर्णय लिया कि हमलोग डीएम के जनता दरबार में इसकी जानकारी देंगे तथा अपने गांव में अवैध शराब की भठ्ठियों को बंद करने की गुहार करेंगे। निर्णय के अनुसार दीदियाँ आवेदन के साथ जिलाधिकारी से मिलने गईं तथा अपनी सारी समस्या जिलाधिकारी को बताई। जिसके बाद जिलाधिकारी द्वारा आश्वस्त किया गया कि हम आपकी सहायता अविलंब करेंगे। चार दिन बाद दीदी के द्वारा फोन करने पर जिलाधिकारी द्वारा थाना से पुलिस भेजा गया। पुलिसकर्मियों के साथ मिलकर दीदियों ने नदी के किनारे तथा गाँव में चल रहे सारे भठ्ठियों को तोड़ दिया। परन्तु 2-3 दिनों बाद पुनः 4 लोगों द्वारा शराब बनाने के लिए फिर से महुआ डाला गया, जिसकी सूचना मिलते ही ग्राम संगठन की दीदियों द्वारा लाठी और झाडू के साथ फिर से सारे बर्तन तोड़ दिया गया तथा शराब बनाने वाले लोगों की पिटाई की गई। जिसके बाद गांव के वरिष्ठ लोगों एवं पंचायत प्रतिनिधि तथा ग्राम संगठन की दीदियों ने यह एकरारनामा किया कि ’’अगर कोई गाँव में शराब बनाता है तो उसे 5000 रूपये जर्माना देना होगा, जो ग्राम पंचायत में जमा होगा तथा अगर कोई शराब पीकर हल्ला करता है तो उसे झाड़ू से महिलाओं की मार खानी पड़ेगी।’’ इसके बाद इस गाँव के लोगों में शराब बनाना, बेचना एवं पीना बंद कर दिया।
कौशल्या दीदी कहती है कि अब मेरे पति शराब का सेवन नहीं करते हैं। अपने बच्चों को पढ़ा रही हूँ। पहले मेरा मिट्टी का मकान था जिसे पक्का में तब्तील कर ली हूँ। अब शराबबंदी के सफल आयोजन से हमारा परिवार और गांव दीदी नागरिकों का जीवन स्तर पहले से काफी बेहतर हुआ है। उन्होंने माननीय मुख्यमंत्री को तहे दिल से धन्यवाद दी है।