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कैसे रुकेगी सड़क दुर्घटना, जब सरकारी वाहन का चालक ही हो नाबालिग – नवादा|

रवीन्द्र नाथ भैया :  सड़क पर तेज रफ्तार वाहन से लगातार हो रही सड़क हादसे पर रोक लगाने की मांग उठती रही है। प्रायः सड़क दुर्घटना का कारण नबालिग चालक बनता रहा है। लोगों का मानना है कि आम वाहन को तो छोड़ दे, सरकारी वाहन का चालक भी नबालिक बन रहा, जिसका जीता जागता उदाहरण मुहर्रम के दिन लोक स्वास्थ अभियंत्रण विभाग के द्वारा ताजिया जुलूस में शामिल लोगों के लिए पहुंचाया जा रहा पानी टैंकर वाहन को नबालिक ही चला रहा था, वह भी कहीं आम जगह नहीं बल्कि समाहरणालय के मुख्य द्वार के पास। चालक को न तो कानून का डर था ओर ना ही पुलिस का।
कहा जाता है कि प्रशासनिक लापरवाही के कारण इन दिनों जिले के विभिन्न थाना क्षेत्रों में नाबालिग वाहन चलाते देखे जा रहे हैं। ये नाबालिग न केवल दो पहिया व हल्के चार पहिया वाहन चला रहे हैं, बल्कि इन्हें ट्रैक्टर व ट्रक चलाते भी देखा जा रहा है। इस कारण होने वाली दुर्घटनाओं की संख्या बढ़ती जा रही है।
जिले के विभिन्न सड़क मार्ग सहित एनएच-20 तथा एसएच-83 पर भी अक्सर नाबालिग फर्राटे से टैक्टर तथा दोपहिया वाहन दौड़ाते देखे जा सकते हैं। इन नाबालिगों को न तो यातायात नियमों की जानकारी होती है और ना ही दुर्घटना होने का भय। ये जितनी तेजी से वाहन चला सकते हैं, उतनी तेजी से वाहन चलाते गुजर जाते हैं। काफी रफ्तार से इन्हें वाहन चलाता देख लोग सहम जाते हैं और दुर्घटना होने की आशंका से कांप जाते हैं।
प्रशासन के साथ अभिभावक भी हैं जिम्मेदार:-
इस संबंध में लोगों का कहना है कि नाबालिगों के तेज गति से वाहन चलाने के लिए प्रशासन ही नहीं बल्कि उनके अभिभावक भी जिम्मेदार हैं। नाबालिगों को बाइक अथवा कार की चाबी सौंपते समय उन्हें सोचना चाहिए कि उनका बच्चा अभी वाहन चलाने योग्य हुआ है या नहीं। साथ ही उसकी उम्र ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने की हुई है या नहीं।
देश में 18 वर्ष की उम्र पार कर चुके लोगों के लिए ड्राइंविंग लाइसेंस बनाने का कानून ,लेकिन इस कानून की धज्जियां रोज उड़ाई जाती है। कई विद्यालयों में पढ़ने वाले नाबालिग छात्र-छात्राएं अक्सर दोपहिया वाहन से विद्यालय आते व जाते हैं। लोगों का कहना है कि विद्यालयों के प्रबंधन को भी ऐसे छात्र-छात्राओं के अभिभावक से उन्हें वाहन न चलाने देने की सलाह देनी चाहिए।
भारी वाहन भी चलाते हैं नाबालिग:-
ऐसा नहीं है कि नाबालिग केवल बाइक या कार चलाते देखे जाते हैं। कई नाबालिगों को तो अक्सर ट्रैक्टर व ट्रक भी चलाते देखा जाता है। इनमें सबसे ज्यादा तायदाद ट्रैक्टर चलाने वालों की है। जिला मुख्यालय के आसपास बने ईंट भट्ठों से ईंटें तथा बालू, मिट्टी आदि ढोने वाले ट्रैक्टरों को अक्सर नाबालिग चलाते हैं। कई बार ये अनुभवहीन चालक दुर्घटना का कारण भी बनते हैं।
जिले के विभिन्न थाना क्षेत्रों में नाबालिग ट्रैक्टर चालकों ने कई लोगों की जान ले ली है और मरने वाले से कहीं भी अधिक लोग दुर्घटना का शिकार होकर विकलांग बनकर घर बैठ गए है।
एमभीआई एक्ट को सख्ती से लागू करने की उठाई मांग:-
जिले में बढ रही सड़क दुर्घटना के मद्देनजर लोगों का कहना है कि नाबालिगों को वाहन चलाने से रोकने के लिए अभी तक कोई सख्त कानून नहीं बनाया गया है। इसी का फायदा उठाकर नाबालिग वाहन चलाते हैं और दुर्घटना का कारण बनते हैं। लोगों ने प्रशासन से नाबालिगों के वाहन चलाने के विरुद्ध सख्त नियम बनाने के साथ इनके वाहन चलाने पर पूरी तरह रोक लगाने की मांग की है।

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