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फ़रवरी माह में मौसम के तल्ख तेवर से किसानों में निराशा –  नवादा  |

रबी फसल प्रभावित होना तय

रवीन्द्र नाथ भैया |

जिले के तापमान में लगातार वृद्धि जारी है। आगे भी तापमान में वृद्धि जारी रहने की संभावना है। इसके साथ ही ठंड में काफी कमी महसूस की जाने लगी है।
इन दिनों पश्चिमी विक्षोभ का प्रभाव देखने को मिल रहा है। इस कारण जहां जिले का मौसम शुष्क बना रहेगा वहीं तापमान में निंरतर वृद्धि दर्ज की जाएगी। ऐसे मौसम में अभी बारिश का लगातार अभाव बना रहेगा। ऐसे में रबी की फसल पर संकट बना रहेगा। पटवन की जरूरत पड़ेगी और इसके लिए किसानों को कृत्रिम साधनों पर निर्भर रहना पड़ेगा। कुल मिला कर अभी लगातार तापमान में वृद्धि के आसार हैं। इस बीच जिले में शुक्रवार को अधिकतम तापमान 31 डिग्री सेल्सियस जबकि न्यूनतम तापमान काफी उछाल के साथ 16 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। आने वाले दिनों में इसमें दो से तीन डिग्री तक वृद्धि की संभावना है।
हर दिन न्यूनतम तापमान में एक से दो डिग्री की वृद्धि लगातार दिख रही है। मौसम की अद्यतन जानकारी देते हुए कृषि मौसम वैज्ञानिक रोशन कुमार ने बताया कि अधिकतम तापमान पिछले 24 घंटे के दौरान बिहार के अधिकतर जिलों में 29 से 30 डिग्री के बीच बना हुआ हैं और इसी के अनुकूल जिले में भी यह अब 30 डिग्री के आसपास पहुंच चुका है। इसमें लगातार वृद्धि के आसार हैं। उन्होंने बताया कि आज के उपग्रह तस्वीर का अध्ययन करने के बाद प्राप्त सूचना के आधार पर पश्चिम भारत के पर्वतीय इलाकों पर पश्चिम विक्षोभ का आगमन हो चुका है। इसके प्रभाव से पश्चिम राजस्थान पर एक चक्रवातीय परिसंचरण भी बन चुका है। पूर्वानुमान लगाया जा रहा है कि अगर दबाव कम है और उत्तरी गोलार्द्ध में हवा घड़ी की उलटी दिशा में घूम रही है तथा पृथ्वी भी पूर्व से पश्चिम की तरफ घूम रही है तो हवाएं ऊपर की तरफ उठाती है और जहां पर हवा ऊपर उठती है, वहां पर बादल बन जाते हैं। लेकिन इसके प्रभाव से उत्तर पश्चिम भारत के मैदानी इलाकों में वर्षा हो सकती है, जिसका माहौल बना हुआ है। शेष भारत में इसका प्रभाव नहीं पड़ने से जिला भी बारिश से अछूता रह जाएगा।
नवादा समेत सम्पूर्ण बिहार में अगले 48 घंटे के दौरान मौसम शुष्क एवं पश्चिमी विक्षोभ के आगमन और प्रभाव से अभी तापमान में वृद्धि देखने को मिलेगी। लगातार बारिश की कमी के कारण किसानों की फसल की सिंचाई और अन्य कृषि कार्यों में चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। आने वाले दिनों में गर्मी का असर धीरे-धीरे बढ़ेगा। रबी फसल के पटवन के लिए कृत्रिम साधन पर ही किसानों की निर्भरता रहेगी। ——————- अधिकतम तापमान में उछाल से बढ़ेगी परेशानी नवादा:- धीरे-धीरे मौसम में तल्खी आती जा रही है। अधिकतम तापमान में तेजी से उछाल दिखने लगा है।
कृषि वैज्ञानिकों का मानना है कि मौसम का तेवर हफ्ते भर भी बरकरार रह गया तो देर से बोई गई रबी फसलों को बड़ी क्षति हो सकती है। 15 दिसंबर के बाद लगी गेहूं की फसल में अभी बाली निकलने और दाने पुष्ट होने की प्रक्रिया चल रही है। जबकि दलहन और तिलहन की फसलों में फूल लग रहे हैं।
मौसम की तल्खी और तेज हवाओं के कारण जहां गेहूं की बाली लगने से पूर्व पौधे ही सूख जाने का खतरा मंडरा रहा है वहीं फूल झड़ जाने से दलहन और तिलहन की फसल भी बर्बाद हो कर रह जाएगी।
कृषि मौसम वैज्ञानिक रोशन कुमार ने बताया कि वर्तमान मौसम की मार झेलने के कारण फसलों की उत्पादकता पर 20 से 25 फीसदी तक असर पड़ सकता है। उनके दाने छोटे रह सकते हैं। हालांकि अगात बोई गई फसलों को कोई नुकसान नहीं होगा। उन्होंने बताया कि इस बार गेहूं और चने की फसल पर जलवायु के विपरीत प्रभाव (फोर्स मेच्युरिटी) का शिकार होने का खतरा मंडराने लगा है। गेहूं और चने का दाना कमजोर होने की परिस्थिति बनती जा रही है।
जिले में मार्च महीने में तापमान ज्यादा होने पर कम उत्पादन की आशंका रहती है। ऐसे में आगे भी अभी जैसा ही मौसम बना रहा तो फसल को नुकसान की गति बहुत तेज होने की आशंका है।

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