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महिला के अत्याचार से पूरा परिवार पीड़ित – शेखपुरा । – शेखपुरा ।

अजित कुमार ।

शेखपुरा जिले के चाढ़ीहरी गांव से एक बेहद चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जो समाज में महिला सशक्तिकरण की जटिलताओं और उसकी संभावित गलत व्याख्याओं पर सवाल खड़ा करता है।

आमतौर पर महिला प्रताड़ना की खबरें सामने आती रही हैं, लेकिन इस बार मामला उल्टा है — एक महिला के अत्याचार से पूरा परिवार पीड़ित हो गया है।घटना चाढ़ीहरी गांव निवासी सैयद अबू नसर के परिवार की है। उनके चार बेटे और दो बेटियाँ हैं, सभी की शादी हो चुकी है। विवाद की जड़ बने हैं अबू नसर के बेटे सैयद अरशद नसर की दूसरी पत्नी गुलिस्ता परवीन, जो वर्तमान समय में पूरे परिवार के लिए संकट का कारण बन चुकी हैं।बताया जा रहा है कि अरशद नसर की कुछ गतिविधियों से परेशान होकर 80 वर्षीय सैयद अबू नसर ने अपने बेटे को संपत्ति से कानूनी रूप से बेदखल कर दिया।

इसी दौरान गुलिस्ता परवीन की इस परिवार में एंट्री हुई और देखते ही देखते परिस्थितियाँ पूरी तरह बदल गईं।वर्ष 2024 से यह परिवार लगातार तनाव और प्रताड़ना झेल रहा है। गुलिस्ता परवीन ने अपने वृद्ध ससुर सैयद अबू नसर पर बलात्कार सहित कई गंभीर धाराओं में मामला दर्ज करा दिया, जिससे समाज में उनकी प्रतिष्ठा को भारी ठेस पहुँची। उनका आरोप है कि उन्हें ससुराल पक्ष और पुलिस द्वारा प्रताड़ित किया जा रहा है। उन्होंने इस मामले में उपमुख्यमंत्री से भी मुलाकात कर न्याय की मांग की, जिस पर जांच का आदेश जारी किया गया है।वहीं दूसरी ओर, पीड़ित देवर का कहना है कि गुलिस्ता परवीन ने गिरिहिंडा कॉलेज मोड़ पर स्थित 10 दुकानों पर जबरन कब्जा कर लिया है। वह किसी भी किराएदार को वहाँ रहने या व्यवसाय करने नहीं दे रही है। हाल ही में वायरल एक वीडियो में देखा गया कि गुलिस्ता परवीन हथौड़ा लेकर दुकानों की दीवार तोड़ रही हैं। यदि कोई इसका विरोध करता है तो वह उसके घर जाकर हंगामा करती हैं।
देवर ने आरोप लगाया कि महिला सशक्तिकरण की आड़ में गुलिस्ता परवीन पूरे परिवार को झूठे मुकदमों में फंसा रही हैं। उन्होंने पुलिस प्रशासन और मीडिया से न्याय की गुहार लगाई है। परिवार का कहना है कि वे अब मानसिक और सामाजिक रूप से पूरी तरह टूट चुके हैं।यह मामला केवल एक पारिवारिक विवाद नहीं, बल्कि महिला अधिकारों और उसके दुरुपयोग की एक गंभीर सामाजिक बहस को जन्म देता है। प्रशासन के लिए यह एक चुनौती है कि वह निष्पक्ष जांच कर न्याय सुनिश्चित किया जा सके।

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