लक्ष्मी नारायण बाबा बर मंदिर भूमि पूजन सह शिलान्यास समारोह संपन्न – नवादा (

रवीन्द्र नाथ भैया |
जिले के नरहट प्रखंड क्षेत्र के खनवां गांव में श्री लक्ष्मी नारायण बाबा बर मंदिर का भूमि पूजन सह शिलान्यास बिहार के उप मुख्यमंत्री विजय सिन्हा के कर कमलों द्वारा उल्लासपूर्ण माहौल में रंगारंग कार्यक्रम के साथ विधिवत सम्पन्न हुआ। साथ में पूर्व केंद्रीय मंत्री अश्वनी चौबे थे।
उप मुख्य मंत्री विजय सिन्हा और पूर्व केंद्रीय मंत्री अश्वनी कुमार के खनवां गांव पहुंचते ही ख़ुशी व उत्साह से ग्रामीणों एवं क्षेत्र वासियों द्वारा गगन भेदी नारों से चहुंओर गुंजायमान हो गया। ग्रामीणों ने मुख्य अतिथि और वक्ता को फूल मालाओं से लादकर गर्मजोशी के साथ जबर्दस्त स्वागत किया । दोनों काफी खुश,गदगद व आह्लादित दिखाई दे रहे थे।हजारों-हजार लोगों का हुजूम जन सैलाव सा उमड़ पड़ा।
श्री लक्ष्मी नारायण बाबा बर मंदिर के भूमि पूजन सह शिलान्यास के उपरांत सर्वप्रथम बिहार केशरी व बिहार के प्रथम मुख्य मंत्री डॉ श्री कृष्ण सिंह की जन्म स्थली उनके ननिहाल के घर गए। घर में उपस्थित परिवारों से मिलकर कुशल क्षेम के बारे में पूछताछ की। तदुपरांत भूमि पूजन सह शिलान्यास कार्यक्रम में शामिल तमाम लोग सभा स्थल पहुंच गए। ग्रामीणों की ओर से एक महत्ती आमसभा का आयोजन किया गया। अध्यक्षता श्री बाबू के ननिहाल घर के परिवार वयोबृद्ध नुनु बाबू ने की और मंच का संचालन मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष संतोष कुमार ने किया,जिसकी स्वीकृति सभा की अध्यक्षता कर रहे नुनु बाबू ने हृदयतल से दिया।
मंच संचालक संतोष कुमार ने विषय प्रवेश कराते हुए कहा डा श्री कृष्ण सिंह की प्रतिमा सह स्मारक दर्जनों गांवों व शहरों में है ,लेकिन दुःख के साथ कहना पड़ रहा है कि उनका स्मारक व प्रतिमा उनके ही जन्म स्थान में नहीं है। संतोष कुमार ने कहा कि पिछले बार बिहार के मुख्य मंत्री नितीश कुमार के आगमन के सुअवसर पर उन्होंने खुद कहा था कि उनकी आदम कद प्रतिमा खनवां गांव में स्थापित की जायेगी। साथ ही एक सुंदर व आकर्षक पार्क का निर्माण वहीं किया जायगा,परन्तु अबतक घोषणा को खनवां गांव में व्यवहारिक अमलीजामा नहीं पहनाया गया। इसके लिए ग्रामीणों में खेद बरकरार है।
श्री लक्ष्मी नारायण बाबा बर मंदिर सह शिलान्यास के मुख्य अतिथि बिहार सरकार के उप मुख्यमंत्री विजय सिन्हा ने कहा कि खनवां गांव के ग्रामीणों के चेहरे और आंखों में जो झलक रहा था उसे मैं पढ़कर जान चूका हूं। वह जल्द ही पूरा हो जायगा। अब वह समय नजदीक आ चूका है,जब खनवां गांव के ग्रामीणों की मुरादेँ जल्द ही पूरी होगी।
विजय सिन्हा ने कहा कि श्री बाबू की जो बिहार व देश के चौमुखी विकास के प्रति सच्ची अवधारणा थी ,उसे आज देश के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने गहराई से आत्मसात किया। श्री बाबू की ही उत्तम सोच व विचार था कि सबका साथ,सबका विकास और सबका विश्वास। श्री कृष्ण सिंह वास्तव में जाति, घर्म व सम्प्रदाय की भावना से ऊपर उठकर हमेशा देश व समाज के निरन्तर विकास के लिए निष्ठापूर्वक कार्यरत रहे। इसका एक सबसे ज्वलन्त,चर्चित,अनमोल व ऐतिहासिक श्रेष्ट उदाहरण है कि अनुसूचित जाति और अनुसूचित जन जाति को बैजनाथ धाम देवघर में बाबा भोले शंकर के पवित्र मंदिर में प्रवेश करवाया। सनातनों के बीच मौजूद खाई तथा भेदभाव दूर करने के लिए अथक आजीवन प्रयासरत रहे। छिछले व संकुचित दायरे से वे कोसों दूर थे। साथ ही निजी स्वार्थो व परिवारबाद से बिल्कुल अलग थे। उनके बताये रास्ते पर चलकर ही आज राज्य,देश और समाज का चौमुखी विकास सम्भव है। उन्होंने कहा अगर अपसबों की स्वीकृति व चाहत हो तो मैं मुख्य मंत्री नितीश कुमार से मिलके श्री बाबू की जयंती समारोह सरकार की ऒर से खनवां गांव में ही मनाया जायगा।
इस अद्वितीय एवं ऐतिहासिक समारोह के मुख्य वक्ता पूर्व केंद्रीय मंत्री अश्वनी चौबे ने अपने वक्तव्य में स्पष्ट कहा कि आज के दौर में श्री बाबू का कोई जोड़ नहीं है। वे बेहद बेजोड़ ,कर्मठ,कर्तव्यनिष्ट और बड़े विद्वान् थे। देश के प्रथम प्रधान मंत्री जवाहर लाल नेहरू भी उनका काफी कद्र करते हुए तरजीह देते थे। श्री बाबू के बारे में कितना भी कहना या गुणगान करना मानो सूर्य को दीपक दिखाना है।
बिहार राज्य में उन्होंने जो विकास की नींव रखी थी ,वह् आज बिहार वासियों के सामने ठीक सूर्य की रौशनी सा चमक व झलक रहा है। सभा स्थल में मंच पर प्रमुख लोगों में पूर्व भाजपा के स्थानीय विधायक अनिल सिंह,भाजपा के जिलाध्यक्ष अनिल मेहता,जदयू के जिला अध्यक्ष मुकेश विद्यार्थी , मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष संतोष कुमार,दिनकर स्मृति न्यास के अध्यक्ष नीरज कुमार,नवादा के प्रसिद्द व चर्चित चिकित्सक सह भाजपा नेता डा विमल प्रसाद सिंह, मनोज जी,रामविलास जी,हनीफ जी,दयानन्द सिंह,मिथलेश सिंह आदि विराजमान थे।